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कमलेश प्रजापत हत्याकांड के मामले में बाडमेर एसपी सहित 24 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने के निर्देश, पूर्व मंत्री चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश

कमलेश प्रजापत हत्याकांड के मामले में बाडमेर एसपी सहित 24 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज करने के निर्देश, पूर्व मंत्री चौधरी के खिलाफ जांच के आदेश
बीकानेर । राजस्थान के बहुचर्चित कमलेश प्रजापत फर्जी एनकाउंटर मामले में विशेष अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। अदालत ने 24 पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ हत्या, आपराधिक षड्यंत्र, साक्ष्य मिटाने सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही, पूर्व राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी, तत्कालीन ढ्ढत्र जोधपुर रेंज एन. गोगोई और अन्य की भूमिका की गहन जांच के लिए ष्टक्चढ्ढ को दो महीने में रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया है।
भारतीय प्रजापति हीरोज़ ऑर्गेनाइज़ेशन राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट अशोक प्रजापत और अन्य पदाधिकारियों ने हीरोज के राष्ट्रीय संस्थापक सत्यानारायण प्रजापति के नेतृत्व में केंद्रीय क़ानून एवं न्याय मन्त्री अर्जुन राम मेघवाल के सहयोग से देश के ग्रह मंत्री अमित शाह से वार्ता कर जाँच सीबीआई को दिलवाने में सहयोग किया
बाड़मेर दौरा करने वाले हीरोज के राष्ट्रीय कार्यकारि अध्यक्ष किशन सवाल, बीपीएचओ के जिला अध्यक्ष भंवर लाल नागा पुर्व जिलाध्यक्ष त्रिलोक चंद गेधर महिला जिलाध्यक्ष निशु लिम्बा,अर्जुन कुमावत आशु राम बोबरवाल पूर्व जिला संयोजक रामलाल भोभरिया सत्य नारायण प्रजापति जोधपुर,मास्टर भंवर लाल लिंबा श्रवण बोबरवाल पार्षद मानक माहर दीपक माहर पार्षद बजरंग सोखल पार्षद सुनील गेधर आदि सहित समाज के अनेक गणमान्य लोगो ने इस फ़ैसले का स्वागत किया है इसे सच्चाई और न्याय और समाज की जीत बताया है अशोक प्रजापत ने बताया की निम्न
अभियुक्तों के खिलाफ दर्ज मामले की धाराएं
1. कालूराम रावत (तत्कालीन एपपी पाली) – धारा 120बी (आपराधिक षड्यंत्र)
2. आनंद शर्मा (तत्कालीन एसपी, बाड़मेर) – धारा 120बी
3. रजत विश्नोई (तत्कालीन वृत्ताधिकारी, सुमेरपुर) – धारा 120बी, 195 (झूठे साक्ष्य)
4. पुष्पेंद्र आढ़ा – धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148, 149, 120बी, 201 (साक्ष्य मिटाना)
5. प्रेमप्रकाश (तत्कालीन थानाधिकारी, बाड़मेर कोतवाली) – धारा 302, 147, 148, 149, 120बी, 201
6. पर्बतसिंह (तत्कालीन थानाधिकारी, बाड़मेर ग्रामीण) – धारा 302, 147, 148, 149, 120बी, 201
7. प्रभूराम, महिपालसिंह, नरसींग, हरदान, श्यामलाल, भरतकुमार, रमेश कुमार, राजकुमार, दुर्गसिंह, प्रेमकुमार, प्रभूलाल, पेमाराम, दिनेश, कानाराम, किशोर, रामश्री, मेहाराम, पुखराज (पुलिसकर्मी, बाड़मेर) – धारा 302, 147, 148, 149, 120बी, 201
आगे की जांच के लिए नाम
हरीश चौधरी (तत्कालीन राजस्व मंत्री)
मनीष चौधरी (हरीश चौधरी के भाई)
एन. गोगोई (तत्कालीन ढ्ढत्र, जोधपुर रेंज)
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (पाली)
प्रकरण क्रमांक 30/2021 की जांच में शामिल अन्य पुलिसकर्मी
अदालत के निर्देश
सीबीआइ को उपरोक्त व्यक्तियों की भूमिका की जांच कर दो महीने में रिपोर्ट पेश करने का आदेश।
मामला नियमित फौजदारी प्रकरण के रूप में दर्ज होगा।
परिवादी जशोदा को पैरवी की हिदायत।
गवाहों की सूची और तलबाना पेश होने पर अभियुक्तों को गिरफ्तारी वारंट द्वारा तलब किया जाएगा।
मामला और उसका महत्व
कमलेश प्रजापत की कथित हत्या पाली-बाड़मेर में हुई थी, जिसे पुलिस ने एनकाउंटर बताया था। इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठे थे। सीबीआइ ने पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने सख्त रुख अपनाया है। अदालत के इस फैसले ने मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है, और जांच के परिणामों पर पूरे राज्य की नजर है।
अगला कदम
सीबीआई अब अभियुक्तों से गिरफ्तारी वारंट के तहत पूछताछ करेगी और निर्देशानुसार जांच को आगे बढ़ाएगी। यह मामला न केवल पुलिस सुधारों बल्कि राजनीतिक जवाबदेही के मुद्दों को भी उजागर कर रहा है।

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