
सलाम : बीकानेर के इकलौते डॉक्टर अभिषेक की स्वाईन के बाद अब कोरोना से सीधी जंग





बीकानेर। पिछले साल स्वाईन फ्लू को पटकनी देने के बाद बीकानेर के एकमात्र डॉक्टर अब कोरोना से दो-दो हाथ कर रहा है। पिछले साल खुद स्वाइन फ्लू के शिकार हुए डॉक्टर अभिषेक बिन्नाणी ने हिम्मत नहीं हारी और वह कोरोना से दूसरों की जिन्दगी बचाने के साथ-साथ खुद भी संघर्ष कर रहे है। स्वाइन फ्लू का खौफ इस जाबांज योद्धा को कर्तव्य पथ से डिगा नहीं पाया। रात और दिन बिना थके, बिना रूके डॉ. अभिषेक निरन्तर कोरोना के खिलाफ जंग में एक वीर योद्धा की भांति डटे हुए है। उनका रणकौशल दर्शाता है कि वह इस रणक्षेत्र में विजश्री का वरण करेगा।
अदृश्य शत्रु को ढूंढ निकालने में हर पल जुटे रहे है डॉ. अभिषेक
डर के इस दौर में जांच टीम के मुखिया डॉ. अभिषेक सुबह-शाम, दिन-रात, हर-पल अदृश्य शत्रु को ढूंढ निकालने में जुटे हुए है। माइक्रोबायलॉेजी लैब में कोविड-19 वायरस को तलाशकर सामने लाते है। यहां तक डॉ. बिन्नाणी ने अभी तक बगैर छुट्टी, दिन-रात कोरोना से लड़ रहे है, जिनके बारे में लोग बहुत कम जानते है। लैब में इन दिनों 750 करीबन जांचें कर रहे है। सिर्फ बीकानेर ही नहीं, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और नागौर से संक्रमण की आशंका वाले लोगों के सैंपल यहां लाकर जांचे जा रहे है। यह योद्धा पर्दे के पीछे यानी लैब में जांच करने वालो में से एक है। यह वीर योद्धा कभी नजर नहीं आने वाले है।
कोरोना कमांडोज़, शुक्रिया
डॉ. अभिषेक बिन्नानी, प्रोफेसर माइक्रोबायलॉजी विभाग एसपी मेडिकल कॉलेज जो आपको बचाने के लिए अपनी जान पर खेल रहे हैं। लड़ रहे हैं कोरोना से। रात और दिन बिना थके, बिना रूके सैनिक की भांति डटे हुए है। आइए, उनका हौंसला बढ़ाए, उन्हें शुक्रिया कहें।

