30 में खाई 20 में बाई, चॉकलेट 2 लाख शहर की गलियों मे गुंजते ही ऐसे शब्द

30 में खाई 20 में बाई, चॉकलेट 2 लाख शहर की गलियों मे गुंजते ही ऐसे शब्द

30 में खाई 20 में बाई, चॉकलेट 2 लाख शहर की गलियों मे गुंजते ही ऐसे शब्द
युवा पीढ़ी जल्दी लखपति बनने के चक्कर में पड़ी सट्टे के पीछे
बीकानेर। बीकानेर व संभाग का हनुमानगढ़ जिला सट्टे का बड़ा हब बन चुका है जहां रोजाना करोड़ों रुपये का सट्टा ऑनलाइन होता है। शहर का युवा वर्ग जल्द लखपति बनने के चक्कर में इस सट्टे के कारोबार में पड़ चुका है। आईपीएल मैचों में दोपहर से लेकर देर रात तक मैच के सामने बैठकर अपनी किस्मत अजमाते रहते है। जिन युवाओं पर उनके माता पिता का सपना होता है कि वो बड़ा होकर कुछ ऐसा काम करेगा जिससे उनका मान सम्मान बढ़ेगा लेकिन वो पैसे कमाने के चक्कर में सट्टे के काले कारोबार में घुस चुका है। शहर में देर रात खुली रहने वाली दुकानों पर आने वाले युवाओं की जुबान से एक ही बात निकलती है मैने 30 में बाई 20 में खाई इस टीम को उनको कोई डर भय नहीं है कि वो कहां खड़े है लेकिन वो बेधडक़ इस तरह से सट्टे का खुला प्रचार करते नजर आते है। शहर के अंदर अब सट्टा व नशे का प्रचालन है जो करता है वो अपने आपको बड़ा मानता है। शहर के प्रमुख स्थान है जहां पर सटोरियों की बैठक है जिसमें नत्थुसर गेट के बाहर व अंदर, झंवरों का चौक, मोहता चौक, बारहगुवाड़ा, गोपेश्वर बस्ती, बड़ा बाजार, जस्सूसर गेट इन जगहों पर देर रात तक सटोरियां अपना हिसाब किताब करते नजर आते है। इनके साथ साथ
फाईनसर भी रहते है जो इनको ऊंचे दामों में रुपये फाइनेस करते है।
इन चीजों को रखा जाता है गिरवी
मोबाइल, बाइक, व अन्य वाहन, स्मार्टवॉच, सोने व चांदी के आभूषण, घर के पट्टे सहित कुछ और मंहगी वस्तुओं को गिरवी रखकर रुपये उधार लिये जाते है। कभी कभार तो रुपये नहीं लौटने के एवज में सामान सटोरियों द्वारा जब्त भी कर लिया जाता है।
पैसे नहीं चुकाने पर बदमाशों की तरफ से क्रुरता का व्यवहार भी किया जाता है। सूत्रों से ऐसी जानकारी मिली है कि फाइनेसर से लिये रुपये अगर समय पर नहीं दिये जाते है तो बदमाशों द्वारा पूरे परिवार पर क्रुरता का व्यवहार किया जाता है युवक के सामने उसकी पत्नी व बच्चों को प्रतडि़त किया जाता है। ऐसे में युवकों द्वारा फांसी जैसे जघन्य कदम उठाये जाते है। ऐसे मामले सामने आ चुके है लेकिन राजनीतिक व सामाजिक दबाब के चलते सामने नहीं आते है। फाइनेसरों द्वारा देर रात तक सटोरियों के घर पर जाकर उनकी पत्नी व बेटियों पर जुल्म किये जाते है हद तो तब हो जाती है जब पैसे के बदले पत्नियों की अस्मत तक मांगी ली जाती है तब कहते है हारे हुआ जुआरी बेबस दिखाई देता है और अपनी इज्जत की भीख मांगता रहता हे।
पुलिस की उदासीनता के चलते एक भी कार्यवाही नहीं
आईपीएल के मैचे चलते इतने दिन हो गये बीकानेर पुलिस की एक भी कार्यवाही नहीं होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर कही ना कही सवालिया निशान लगता है। इनकी मुखबिर तंत्र व बीट कांस्टेबल पूरी से फेल हो चुके है। लेकिन पुलिस की कार्यप्रणाली से तो ऐसा लग रहा हे बीकानेर से सट्टा खत्म हो चुका है। लेकिन ऐसा नहीं है बीकानेर सट्टेबाजों का हब है।

 

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