
काश्तकारों को माना दोषी, मोघे को छह महीने के लिए किया सीज






काश्तकारों को माना दोषी, मोघे को छह महीने के लिए किया सीज
खाजूवाला। पिछले साल दिसबर में बीडी नहर के को बनाया जा रहा था। मोघों के क्रष्ट की मशीन के साथ छेड़छाड़ करने पर अब विभाग ने बड़ा एक्शन लेकर मोघे को 6 माह के लिए बंद कर दिया है। इससे अब 14 बीडी बी के किसानों को 6 महीने तक इस मोघे से पानी नहीं मिलेगा।
अधिशाषी अभियन्ता जल संसाधन खण्ड खाजूवाला ने पत्र में अवगत करवाया है कि 14 बीडी बी के मोघे को छ: माह (अप्रेल से सितबर) के लिए सीज किया गया है। गत वर्ष 25 दिसबर 2024 को रात्रि को 9:30 बजे दूरभाष पर सूचना मिली कि 14 बीडी बी के मोघे के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। जिस पर कनिष्ठ अभियन्ता ने मौके पर जाकर देखा तो पाया कि मोघे के नीचे से (क्रस्ट) से मसाला (प्लास्टर) निकाल कर मोघा मशीन को नीचे बिठाने के उद्देश्य से छेड़छाड़ की गई है। इस सबन्ध में 26 दिसबर 2024 को पुलिस थाने में काश्तकारों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया गया।
सहायक अभियन्ता जल संसाधन उपखण्ड खाजूवाला ने 27 जनवरी 2025 को 14 बीडी बी के समस्त कृषकों को राजस्थान सिंचाई एवं जल निकास अधिनियम 1954-54 के अन्तर्गत नोटिस जारी किया। जिस पर चक 14 बीडी बी के काश्तकारों की ओर से अपना पक्ष रखा गया। अवलोकन करने पर काश्तकारों का पक्ष संतोषजनक नहीं होने पर सिंचाई विभाग ने उसे खारिज/अस्वीकार कर दिया। सहायक अभियन्ता जल संसाधन उपखण्ड खाजूवाला एवं कनिष्ठ अभियन्ता की मौका रिपोर्ट के आधार पर चक के काश्तकारों की ओर से 14 बीडी बी के मोधे के नीचे से (क्रस्ट) से मसाला निकाल कर मोघे मशीन को नीचे बिठाने के उद्देश्य से छेड़ी हुई है एवं चक 14 बीडी बी के समस्त काश्तकारों व मोघा उखाडऩे/क्षति पहुंचाने में समलित होना पाया गया है।
इसमें चक 14 बीडी बी के समस्त काश्तकारों को दोषी मानते हुए राजस्थान सिंचाई व जल निकास अधिनियम 1954-55 की धारा का नियम-31(2) के तहत चक 14 बीडी बी के समस्त कृषकों को सिंचाई सुविधा से 6 माह (आगामी फसल चक्र) के लिए सिंचाई सुविधा वंचित करते हुए मोघा मशीन सीज/बन्द किया गया है। ऐसे में अब छह महीने नहर से पानी नहीं मिलेगा।


