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राजस्थान सरकार का धर्मातंरण विरोधी बिल एक बार फिर अटकने के आसार

खुलासा न्यूज नेटवर्क। राजस्थान सरकार का धर्मातंरण विरोधी बिल एक बार फिर अटकने के आसार बन गए हैं। बजट सत्र में धर्मातंरण विरोधी बिल पारित नहीं होगा। सोमवार को विधानसभा के बजट सत्र का आखिरी दिन है और तीन बिल पारित होने हैं। इनमें धर्मांतरण विरोधी बिल शामिल नहीं है। धर्मांतरण विरोधी बिल को 3 फरवरी को ही विधानसभा में पेश किया गया था, लेकिन इसे सदन में पारित करवाने की तारीख तय नहीं की गई। अब यह अगले सत्र तक अटक गया है।

धर्मांतरण विरोधी बिल में जबरन और लोभ लालच में धर्म परिवर्तन करवाने पर 50 हजार से 5 लाख तक जुर्माना और 1 से 10 साल तक की जेल का प्रावधान था। धर्म परिवर्तन के लिए कलेक्टर को 2 महीने पहले आवेदन करके अनुमति लेने का प्रावधान शामिल था। धर्म परिवर्तन के मकसद से शादी करने वालों के खिलाफ भी कड़े प्रावधान किए गए थे।

इस बिल में पहले के धर्म में लौटने को धर्मांतरण के दायरे से बाहर रखा है। इस प्रावधान पर विवाद के आसार हैं। प्रदेश में पिछले 16 साल से धर्मांतरण विरोधी बिल किसी न किसी वजह से अटक रहा है। पहले धर्म स्वांतत्र?्य विधेयक 2008 से केंद्र और राज्य के बीच अटका रहा। मौजूदा सरकार ने पुराना बिल वापस लिया और नया धर्मातंरण विरोधी बिल लाया गया, लेकिन इस सत्र में पारित नहीं होने से अब यह लंबित रहेगा।

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