राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए प्रदर्शन

राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए प्रदर्शन

राजस्थानी भाषा को मान्यता के लिए प्रदर्शन

बीकानेर। अंतरराष्ट्रीय विश्व मातृ भाषा दिवस के मौके पर शुक्रवार को अनेक संगठनों की ओर से कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। कार्यक्रमों में राजस्थानी को मान्यता दिलाने की मांग कर प्रदर्शन किया गया। विश्व मातृभाषा दिवस पर राजस्थानी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने और प्रदेश की राजभाषा का दर्जा नहीं मिलने के कारण राजस्थानी मोट्यार परिषद के कार्यकर्ताओं ने जिला कलक्टर कार्यालय के सामने मुंह पर ताला लगाकर प्रदर्शन किया। इसके बाद प्रतिनिधि-मंडल ने कलक्टर को राजस्थानी भाषा को क्रमश: आठवीं अनुसूची एवं राजभाषा का दर्जा देने के लिए ज्ञापन सौंपा। इससे पूर्व मोट्यार परिषद के समस्त कार्यकर्ताओं ने नारों के साथ प्रदर्शन करते हुए कलक्टर परिसर के चारों ओर पैदल मार्च निकाला।

राजस्थानी मोट्यार परिषद के राजेश चौधरी ने बताया कि आजादी के 77 साल बीत जाने के बाद आज भी राजस्थानी भाषा मान्यता के लिए तरस रही है। राम अवतार उपाध्याय ने बताया कि राजस्थानी भाषा को मान्यता नहीं मिलने के कारण राजस्थान में दूसरे राज्य के लोग आसानी से नौकरी लग जाते हैं। कृष्ण कुमार गोदारा ने कहा कि राजस्थानी भाषा का सबसे बड़ा शब्दकोश होने के बाद भी मान्यता नहीं मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। डॉ. नमामी शंकर आचार्य, करन चौधरी, प्रशान्त जैन, बजरंग सहारण, कमल मारू सहित कई कार्यकर्ताओं ने राजस्थानी को मान्यता देने की मांग उठाई।

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