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ब्याज दरों में 0.25% की कटौती, जानें आपकी EMI पर कितना होगा असर!

 

भारत

RBI Repo Rate Cut: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के नतीजे घोषित हो चुके हैं। आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने अपनी पहली एमपीसी बैठक में रेपो रेट (RBI Repo) में 0.25% की कटौती (RBI Repo Rate Cut) का ऐलान किया है। यह फैसला सर्वसम्मति से लिया गया, जिसका असर सीधे तौर पर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। रेपो रेट में कटौती (RBI Repo Rate Cut) से बैंकों को सस्ता कर्ज मिलेगा, जिससे होम लोन, ऑटो लोन और अन्य ऋणों की ब्याज दरें भी कम हो सकती हैं। इसका सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जो पहले से लोन चुका रहे हैं या नया लोन लेने की योजना बना रहे हैं। आइए समझते हैं कि इस फैसले के बाद आपकी ईएमआई (EMI) पर कितना असर पड़ेगा और आप सालाना कितनी बचत कर सकते हैं।लोन की EMI पर असर (RBI Repo Rate Cut)

अगर आपने 20 साल की अवधि के लिए होम लोन लिया है, तो ब्याज दर में 0.25% की कटौती से आपकी मासिक किस्त में कितनी कमी आएगी, यह कैलकुलेशन से समझें:

लोन अमाउंटपुरानी EMI (8.5% ब्याज दर)नई EMI (8.25% ब्याज दर)सालाना बचत
20 लाख रु.₹17,356₹17,041₹3,780
30 लाख रु.₹26,035₹25,562₹5,676
50 लाख रु.₹43,391₹42,603₹9,456

यदि आपने 50 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लिया है, तो मौजूदा ब्याज दर पर आपकी ईएमआई ₹43,391 थी। लेकिन अब यह घटकर ₹42,603 हो जाएगी। यानी आपकी मासिक बचत ₹788 होगी और सालाना ₹9,456 की बचत होगी। इसी तरह 30 लाख रुपये के होम लोन पर सालाना ₹5,676 और 20 लाख रुपये के होम लोन पर ₹3,780 की बचत होगी।

ऑटो लोन की EMI पर असर

अगर आप नई कार खरीदने के लिए ऑटो लोन लेने की योजना बना रहे हैं या पहले से लोन चुका रहे हैं, तो यह कटौती (RBI Repo Rate Cut) आपकी ईएमआई पर भी असर डालेगी।

लोन अमाउंटपुरानी EMI (9.2% ब्याज दर)नई EMI (8.95% ब्याज दर)सालाना बचत
3 लाख रु.₹6,257₹6,220₹444
5 लाख रु.₹10,428₹10,367₹732
10 लाख रु.₹20,856₹20,734₹1,464

अगर आपने 5 साल के लिए 10 लाख रुपये का ऑटो लोन लिया है, तो आपकी मौजूदा ईएमआई ₹20,856 थी। अब यह घटकर ₹20,734 हो जाएगी, जिससे आपकी सालाना बचत ₹1,464 होगी। इसी तरह, 5 लाख रुपये के लोन पर ₹732 और 3 लाख रुपये के लोन पर ₹444 की बचत होगी।

क्या आपको लोन ट्रांसफर करना चाहिए?

अगर आपका लोन पुरानी दरों पर लिया गया है, तो आप लोन ट्रांसफर (Balance Transfer) के विकल्प पर विचार कर सकते हैं। ब्याज दरों में गिरावट (RBI Repo Rate Cut) का फायदा उठाने के लिए होम लोन या ऑटो लोन को कम ब्याज दर वाली बैंक या NBFC में ट्रांसफर किया जा सकता है। हालांकि, ट्रांसफर से पहले प्री-पेमेंट चार्ज और अन्य शर्तों को ध्यान से समझना जरूरी है।RBI का फैसला क्यों अहम?

Repo Rate में कटौती से कर्ज सस्ता होगा, जिससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी और आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। यह कदम भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से लिया गया है। हालांकि, रेपो रेट (RBI Repo Rate Cut) में यह कटौती छोटी जरूर है, लेकिन इसका सीधा असर लाखों लोगों की जेब पर पड़ेगा। अगर आप नया लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो यह सही समय हो सकता है क्योंकि ब्याज दरें थोड़ी और कम हो सकती हैं। आने वाले महीनों में आरबीआई की अगली नीति बैठक में और बदलाव हो सकते हैं, इसलिए अगर आप फिक्स्ड या फ्लोटिंग रेट लोन लेने का विचार कर रहे हैं, तो बैंक की ब्याज दरों पर नजर बनाए रखें।

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