26 करोड़ की साइबर ठगी में बैंक ​कर्मियों से पूछताछ मिले प्राथमिक साक्ष्य

26 करोड़ की साइबर ठगी में बैंक ​कर्मियों से पूछताछ मिले प्राथमिक साक्ष्य

26 करोड़ की साइबर ठगी में बैंक ​कर्मियों से पूछताछ मिले प्राथमिक साक्ष्य
हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ फर्जी फर्मों के नाम से बैंक खाते खोलकर साइबर ठगी में भागीदार बैंक कर्मियों की संलिप्तता सामने आई है। इस पर पुलिस अब संदेह के दायरे में आए बैंक अधिकारी-कर्मचारियों से पूछताछ में जुटी है। प्रारंभिक जांच में पुलिस को बैंक कर्मियों की मिलीभगत के साक्ष्य मिले हैं, जिस पर पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है। उधर, बुधवार को पकड़े गए साइबर फ्रॉड गिरोह के पांचों सदस्यों को कोर्ट में पेश कर पांच दिन का​ रिमांड मंजूर करवाया गया।
एसपी अरशद अली ने बताया कि रिमांड अवधि में पुलिस ठगी के इस नेटवर्क की कडिय़ां जोडक़र अन्य लोगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है ताकि अधिकाधिक रकम की रिकवरी की जा सके। प्रारंभिक जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर पुलिस टीम ने गुरूवार को कुछ बैंक ​कर्मियों से पूछताछ की। एसपी ने बताया कि फर्जी फर्मों के फर्जी खाते खुलवाने में बैंक के सफाईक​र्मी के पुत्र आदित्य की भूमिका सामने आ चुकी है। आरोपी आदित्य के कहने पर बैंक के किस कर्मचारी की फर्जी खाते खोलने में भूमिका रही है, इसकी पड़ताल की जा रही है, क्योंकि खाता खोलने की एक सतत प्रक्रिया है, जिसमें बैंक कर्मी से लेकर मैनेजर तक की भूमिका रहती है। आरोपी भारत सरकार के उद्यम पोर्टल पर फर्जी फर्म का रजिस्ट्रेशन करने के बाद भोले-भाले तथा नशेड़ी प्रवृति के लोगों को चंद रुपयों का प्रलोभन देकर उनकी आईडी से विभिन्न बैंकों में बैंक खाते खुलवाकर बैंक पासबुक, एटीएम, चेकबुक, सिम कार्ड व हस्ताक्षरशुदा चेक अपने पास रख लेते थे। फिर उन बैंक खातों में साइबर ठगी की राशि आने पर हस्ताक्षरशुदा चेक से निकाल लेते थे। शक न हो इसलिए अलग-अलग बैंकों में खुलवाए गए 60 खाते साइबर फ्रॉड गिरोह ने फर्जी फर्मों के नाम से खोले गए सभी 60 खाते अलग-अलग बैंकों में खोले गए ताकि शक नहीं हो, लेकिन आरोपियों को शायद नहीं पता था कि इसकी मॉनिटरिंग एनसीआरपी पोर्टल के जरिए निरंतर की जा रही है। इसमें पोर्टल पर दर्ज साइबर फ्रॉड परिवादों का तकनीकी विश्लेषण किया जा रहा है।
यही कारण है कि विभिन्न राज्यों में दर्ज 66 परिवादों में से हनुमानगढ़ जिले के 60 खातों में 26 करोड़ का साइबर फ्रॉड होने का खुलासा हुआ। साइबर फ्रॉड के मामले में यह जिले की पहली बड़ी कार्रवाई है] जिसमें 26 करोड़ रुपए का फर्जी खातों में लेनदेन कर ठगी का खुलासा किया गया। आरोपी शक नहीं हो] इसलिए यह राशि इन्वेस्टमेंट फ्रॉड (फर्जी ट्रेडिंग एप बनाकर टेलीग्राम के जरिए लोगों से सम्पर्क कर शेयर मार्केट पर पैसा लगाने का झांसा देना), अवैध गेमिंग, क्रिप्टोकरंसी फ्रॉड, यूएसडीटी आदि के जरिए म्यूचल/फर्जी बैंक खातों में लेकर कैश निकलवा कर गिरोह के अन्य सदस्यों में बांट देते थे। इसमें बैंक कर्मियों की ओर से अकांउट ओपनिंग, नेट बैंकिंग एवं कैश निकासी में जालसाजी कर साइबर ठगों की सहायता करने के सुबूत मिले हैं, जिस पर पुलिस विस्तृत जांच में जुटी है। साइबर ठग गिरोह के आकाशदीप (28) पुत्र कर्मजीत सिंह चक 1 आरबी, फकीरवाली पदमपुर जिला श्रीगंगानगर, आदित्य (23) पुत्र नवरंग लाल वाल्मीकि जीजीएस स्कूल के पीछे हनुमानगढ़ जंक्शन, जाकिर हुसैन (30) पुत्र जानी मोहम्मद वार्ड 44 बरकत कॉलोनी हनुमानगढ़ टाउन, कैलाश खीचड़ (26) पुत्र दौलतराम पक्कासारणा हनुमानगढ़ व निर्देश बिश्नोई (27) पुत्र अजयपाल वार्ड 7, अबोहर बस स्टैंड के पीछे, संगरिया को बुधवार को गिरफ्तार किया गया था। इसमें आदित्य गिरोह का मास्टरमाइंड है, जिसकी मां इंडियन ओवरसीज बैंक में सफाई कर्मी है, जिस कारण वह बैंक स्टाफ के संपर्क में था और उसने कई खाते खुलवाए। आरोपियों के कब्जे से विभिन्न बैंकों के खातों की 60 पासबुक/ चेकबुक व 32 एटीएम/डेबिट कार्ड, 11 मोबाइल फोन, 8 सिम कार्ड, 7 रबड़ की फर्जी स्टाम्प मोहर एवं बैंक संबंधी कागजात जब्त किए गए थे।

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