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चीन के नए AI ‘डीपसीक’ से क्यों मचा हड़कंप, ये क्या कर डालेगा, जानिए इसके बारे में सबकुछ

चीन के नए AI ‘डीपसीक’ से क्यों मचा हड़कंप, ये क्या कर डालेगा, जानिए इसके बारे में सबकुछ

खुलासा न्यूज़। चीन के नए आर्टिफिशियल इंटैलिजेंट सिस्टम deepseek-r1 ने आते ही अमेरिका में हड़कंप मचा दिया है, एक तो अमेरिका के एआई वर्चस्व को इसने तोड़ा तो अमेरिकी टेक कंपनियों के भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए.

डीपसीक ने सोमवार को कदम रखते ही पूरी दुनिया में हलचल मचा दी. चीन के एक छोटे से स्टार्टअप ने कम पैसे में इतना शक्तिशाली एआई मॉडल बनाया है, जिसके बारे में दुनियाभर के एआई एक्सपर्ट सोच ही नहीं सकते थे कि चीन भी ऐसा कर सकता है. अब इस एआई ने पूरी दुनिया के टेक महारथियों को हिलाकर रख दिया है. हालांकि इसने कई सवाल भी खड़े किए हैं. इसे लेकर लोगों के बीच बहुत सी उत्सुकताएं और सवाल हैं.

सवाल – डीपसीक क्या है?
– डीपसीक वास्तव में चीन का एक स्टार्ट-अप है जिसकी स्थापना और स्वामित्व चीनी स्टॉक ट्रेडिंग फर्म हाई-फ्लायर के पास है. इसका लक्ष्य ओपनएआई के चैटजीपीटी चैटबॉट या गूगल के जेमिनी की तर्ज पर एआई तकनीक का निर्माण करना है. 2021 तक डीपसीक ने अमेरिकी चिपमेकर एनवीडिया से हजारों कंप्यूटर चिप्स हासिल कर लिए थे, जो शक्तिशाली एआई सिस्टम बनाने के किसी भी प्रयास का एक मूलभूत हिस्सा हैं.

सवाल – चीन में इस स्टार्ट अप के बारे में कितने लोग जानते हैं?
– चीन में ये स्टार्ट-अप टॉप यूनिवर्सिटीज से युवा और प्रतिभाशाली एआई शोधकर्ताओं कोआकर्षित करने, मोटा वेतन और अत्याधुनिक शोध परियोजनाओं पर काम करने का अवसर देने के लिए जाना जाता है. हाई-फ्लायर और डीपसीक दोनों को चीनी उद्यमी लियांग वेनफेंग द्वारा चलाया जाता है.

पिछले कुछ सालों में, डीपसीक ने कई बड़े भाषा मॉडल जारी किए हैं, जो कि ऐसी तकनीक है जो चैटजीपीटी और जेमिनी जैसे चैटबॉट का आधार है. 10 जनवरी को, इसने अपना पहला मुफ़्त चैटबॉट ऐप जारी किया, जो डीपसीक-वी3 नामक एक नए मॉडल पर आधारित था.

सवाल – दुनियाभर खासकर अमेरिका का वालस्ट्रीट इससे क्यों हिला हुआ है?
– जब डीपसीक ने क्रिसमस के अगले दिन अपना डीपसीक-वी3 मॉडल पेश किया, तो यह ओपनएआई और गूगल जैसी अमेरिकी कंपनियों के सर्वश्रेष्ठ चैटबॉट्स की क्षमताओं से मेल खाता था.

दुनिया की शीर्ष कंपनियां आमतौर पर अपने चैटबॉट को सुपरकंप्यूटर से प्रशिक्षित करती हैं, जिसमें 16,000 या उससे ज़्यादा चिप्स का इस्तेमाल होता है. डीपसीक के इंजीनियरों ने कहा कि उन्हें सिर्फ़ 2,000 एनवीडिया चिप्स की ज़रूरत थी.

डीपसीक ने सोमवार को पूरी दुनिया में हलचल मचा दी, क्योंकि इसने बहुत कम लागत में एक बहुत शक्तिशाली एआई मॉडल बनाया है, जो कि कई एआई विशेषज्ञों के अनुमान से भी कम है. इससे अमेरिका के शेयर बाजार में टेक कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है

सवाल – यह महत्वपूर्ण क्यों है?
– 2022 के अंत में जब ओपनएआई ने एआई बूम की शुरुआत की, तब से प्रचलित धारणा यह थी कि विशेष एआई चिप्स में अरबों डॉलर का निवेश किए बिना सबसे शक्तिशाली एआई सिस्टम नहीं बनाए जा सकते. इसका मतलब यह होगा कि केवल सबसे बड़ी तकनीकी कंपनियां, जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट, गूगल और मेटा, जो सभी संयुक्त राज्य अमेरिका में स्थित हैं, ही अग्रणी तकनीकों का निर्माण कर सकती हैं. अब तस्वीर बदल गई है. ये लगने लगा है कि एआई मॉडल को कम पैसे में भी बना सकते हैं.
डीपसीक के इंजीनियरों ने कहा कि उन्हें अपने नए सिस्टम को तैयार और ट्रेंड करने के लिए केवल 6 मिलियन डॉलर की कच्ची कंप्यूटिंग शक्ति की आवश्यकता थी. यह मेटा द्वारा अपनी नवीनतम AI तकनीक बनाने में खर्च की गई राशि से करीब 10 गुना कम था.

सवाल – डीपसीक ने कम एआई चिप्स के साथ अपनी तकनीक कैसे बनाई?
-संयुक्त राज्य अमेरिका के शीर्ष एआई इंजीनियरों का कहना है कि डीपसीक के शोध पत्र में कम चिप्स के साथ एआई तकनीक के निर्माण के चतुर और प्रभावशाली तरीके बताए गए हैं.

संक्षेप में, स्टार्टअप के इंजीनियरों ने कम चिप्स का उपयोग करके डेटा के विश्लेषण का एक अधिक स्मार्ट तरीका दिखाया. अग्रणी AI सिस्टम टेक्स्ट, इमेज और ध्वनियों सहित बड़ी मात्रा में डेटा में पैटर्न को इंगित करके लर्निंग स्किल का काम करते हैं. डीपसीक ने इस डेटा विश्लेषण को कई विशेष AI मॉडल में फैलाने का एक तरीका बताया, जिसे शोधकर्ता “विशेषज्ञों का मिश्रण” विधि कहते हैं, इसमें डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने में लगने वाला समय भी कम लगता है.

दूसरों ने पहले भी इसी तरह के तरीकों का इस्तेमाल किया लेकिन मॉडलों के बीच जानकारी ले जाने से उनकी दक्षता कम हो जाती है. डीपसीक ने इसे इस तरह से किया कि उसमें कम कंप्यूटिंग शक्ति का उपयोग करने की अनुमति मिली. इससे ये भी जाहिर हो गया कि वो कुशल एआई सिस्टम बनाने में माहिर हैं. डीपसीक ने ऐसे तरीकों का इस्तेमाल किया, जिन्हें कोई भी दोहरा सकता है. इससे आने वाले समय में आने वाले समय में एआई तकनीक सामान्य चीज बन जाएगी, जिसमें कई कंपनियां लगभग एक ही उत्पाद बेच रही होंगी.

सवाल – क्या डीपसीक की तकनीक ओपनएआई और गूगल के एआई सिस्टम से बेहतर है?
– मानक बेंचमार्क परीक्षणों के अनुसार, डीपसीक-वी3 सवालों का उत्तर दे सकता है, तर्क समस्याओं को हल कर सकती है. बाजार में पहले से उपलब्ध किसी भी अन्य उपकरण की तरह ही प्रभावी ढंग से अपना स्वयं का कंप्यूटर प्रोग्राम लिख सकता है.

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