
पांच दिनों तक मंडी में पूर्णतया लॉकडाउन





बीकानेर।कृषक कल्याण फीस दो प्रतिशत लगाने के सरकार के निर्णय के विरोध में मंडी में पांच दिनों तक लॉकडाउन रहेगा। यानि मंडी को पांच दिनों तक पूर्णतया बंद रखने का फैसला राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने किया। संघ के चैयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि यह निर्णय समस्त संगठनों एवं समस्त कार्यकारिणी सदस्यों ने एक मत होकर लिया है। उन्होंने बताया कि सरकार बढ़ा हुआ कृषक कल्याण शुल्क वापिस नहीं लेती है तो अनिश्चित काल तक मण्डिया बंद रहेगी। आमसभा में राजस्थान 248 मण्डियों के प्रतिनिधियों ने तथा आटा मिल, तेल मिल, दाल मिल व मसाला उद्योग के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभा में फोन पर उपस्थित सभी लोगों ने राज्य सरकार द्वारा तथा कृषि विपणन विभाग द्वारा कृषक कल्याण फीस कृषि जिंसों के क्रय-विक्रय पर दो प्रतिशत की दर से संधारित करने का घोर विरोध किया।
उन्होंने बताया कि सभी बिन्दुओं पर विचार करने के बाद आज की सभा ने यह निर्णय लिया कि समस्त खाद्य पदार्थ के व्यापारी, मंडी में कार्यरत सभी व्यापारी व आडतियां तत्काल प्रभाव से 5 दिवस तक अपना व्यापार बंद रखेंगे। जिन मण्डियों में भारतीय खाद्य निगम गेहूं खरीद कर रही है उसके व्यापारी भारतीय खाद्य निगम को गेहूं तोल सकेंगे। बाकी सभी व्यापार बंद रखे जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा। राज्य सरकार इन पांच दिवस में अपना कृषक कल्याण फीस दो प्रतिशत लगाने के निर्णय को वापिस लें। यदि राज्य सरकार इसमें विफल होती है तो राज्य की 247 मण्डियों में कार्यरत व्यापारी अपना कोरोबार अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देंगे। जिसकी सभी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी।
कृषि जिंसों पर 2 प्रतिशत भार किसान व व्यापारियों में रोष
राज्य सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर कृषि जिन्सों पर 2 प्रतिशत किसान कल्याण कोष के नाम से फीस लगाने का कृषि विपणन बोर्ड के निदेशक ने अादेश जारी किया जिसका भारतीय जनता पार्टी पूर्ण रूप से विरोध करती है भारतीय जनता पार्टी शहर जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा इस अध्यादेश का सीधा असर किसानों पर पड़ेगा कोरोना की मार झेल रहे किसानों व व्यापािरयों को इस अध्यादेश से काफी नुकसान होगा अध्यादेश के विरोध में राजस्थान की कई मंडियां बुधवार को बंद रही है जिसका सीधा असर छोटे दुकानदारों के साथ आमजन पर भार पड़ेगा।पूर्व जिलाध्यक्ष सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कोविड-19 के कारण जल्द खराब होने वाली फसलों में पहले ही बड़ा आर्थिक नुकसान झेल चुके किसानों को राज्य सरकार से उम्मीद थी कि वे किसानों को राहत देगी लेकिन ऐसे समय में यह फीस लगाई गई जब किसान की कृषि जिन्सों का सुचारू व्यापार नहीं होने तथा उपभोक्ताओं की मांग में कमी आने से उन्हें पहले ही उचित भाव नहीं मिल रहा। व्यवसायी भागीरथ जाखड़ ने कहा कि दो प्रतिशत फीस अतिरिक्त लगाने पर इसका सीधा असर किसानों को मिलने वाले भाव पर पड़ेगा
पूर्व वाइस चेयरमैन कृषि उपज मंडी व जिला महामंत्री मोहन सुराणा ने कहा कोरोना महामारी में सबसे ज्यादा सहयोग मंडी के व्यपारियों ने भामाशाहो ने किया सरकार द्वारा कृषक कल्याण फीस के रूप में 2 प्रतिशत नया टैक्स लगाकर इस व्यापारियों को झटका दिया साथ ही किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी दो प्रतिशत फीस अतिरिक्त लगाने पर इसका सीधा असर किसानों को मिलने वाले भाव पर पड़ेगा उदाहरण के तौर पर मंगलवार को मंडियों में सरसों 3800 से 4200, चना 3900 रुपए के भाव से बिका,बुधवार से दो प्रतिशत फीस लगने से यह भाव सरसों का 3700 से 4100 रुपए तथा चने का 3800 रुपए प्रति क्विंटल रह जाएगा राज्य व केन्द्र सरकार एक ओर किसानों को राहत देने के लिए कई घोषणा करती है दूसरी ओर किसानों को इस प्रकार की फीस लगाकर बड़ा झटका दे दिया जिसका सीधा असर आम उपभोक्ता पर पड़ेगा।शहर जिला प्रवक्ता मनीष सोनी ने कहा किसानों की उपज समर्थन मूल्य पर सरसों एवं चने की खरीद तो शुरू कर दी लेकिन केवल चंद संपन्न किसानों की फसल ही तुल पा रही है समर्थन मूल्य पर मार्च की जगह पहले ही दो महीने लेट तुलाई शुरू की वर्तमान में बीकानेर मंडी में सेंकडो वाहन कृषि जिन्स लेकर आ रहे है इनमें से केवल कुछ वाहनों का माल ही समर्थन मूल्य पर तुल रहा है।

