
ऐसा क्या हुआ कि अचानक नाल हवाई अड्डे पर बजा सायरन, प्रशासन में मची हडक़ंप






ऐसा क्या हुआ कि अचानक नाल हवाई अड्डे पर बजा सायरन, प्रशासन में मची हडक़ंप
बीकानेर। सुबह की शांत फिजा के बीच नाल हवाई अड्डे में अचानक सायरन की आवाजें गूंज उठीं। देखते ही देखते पुलिस, फायर ब्रिगेड, बम निरोधक दस्ते और स्वास्थ्य सेवाओं की गाडिय़ां दौड़ती हुई हवाई अड्डे पर पहुंचीं। यात्री और कर्मचारी दोनों हैरान थे कि आखिर चल क्या रहा है। लेकिन घबराने की जरूरत नहीं, यह सब कुछ केवल एक मॉक ड्रिल का हिस्सा था। असल में सुरक्षा दलों और आपातकालीन सेवाओं को यह सूचना मिली कि एक संदिग्ध बम या वस्तु एयरपोर्ट परिसर में मौजूद है। इसके बाद गाडिय़ों का काफिला एयरपोर्ट पहुंचने लगी।
सुरक्षा दलों का कमाल का समन्वय
संदिग्ध वस्तु की सूचना के बाद हर एजेंसी ने फौरन अपनी-अपनी भूमिका निभाई। बम निरोधक दस्ते ने काल्पनिक बम को डिफ्यूज कर दिया, फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पा लिया और मेडिकल टीम ने घायलों को प्राथमिक चिकित्सा दी। सबकुछ मानो किसी एक्शन फिल्म का सीन था।
जब सारा ड्रामा खत्म हुआ, तब सभी को बताया गया कि यह एक मॉक ड्रिल थी। प्लान यह था कि किसी को भी पहले से कुछ न बताया जाए ताकि सभी एजेंसियां वास्तविक स्थिति की तरह प्रतिक्रिया दें। विमानपत्तन निदेशक राजेंद्र सिंह बघेला ने बताया, ऐसी ड्रिल हमें यह जांचने का मौका देती है कि आपात स्थिति में हम कितने तैयार हैं।
सुरक्षा, फिल्मी स्टाइल में
जिन यात्रियों ने इस पूरे अभ्यास को देखा, वे भी हैरान और रोमांचित थे। एक यात्री ने कहा, ऐसा लग रहा था जैसे हम किसी फिल्म की शूटिंग देख रहे हों। लेकिन यह जानकर अच्छा लगा कि हमारी सुरक्षा को लेकर इतनी गंभीरता है।
संबंधित एजेंसियां और उनकी भागीदारी
अभ्यास में शामिल प्रमुख एजेंसियों में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण, विमानपत्तन सुरक्षा दल, जिला पुलिस, बम निरोधक दस्ता (बीडीडीएस), फायर ब्रिगेड, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), मेडिकल टीम और स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) शामिल रहीं। सभी एजेंसियों का प्रतिक्रिया समय और प्रक्रियाएं नियमानुसार पाई गईं।


