
करणी माता मंदिर में बन रहा दुनिया का सबसे बड़ा प्रसाद, 17500 किलो का दाल का हलवा बनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड !






खुलासा न्यूज़। नए साल के आगमन पर आज देशनोक स्थित करणी मंदिर में जम कर रौनक़ रही. हज़ारों की तादाद में लोग नववर्ष पर माता का आशीर्वाद लेने यहां पहुंचे. वहीं, माता के चरणों में सावन भादो कढ़ाई महाप्रसादी का आयोजन किया गया. दूर-दूर से आये श्रद्धालुओं का कहना है कि नववर्ष पर किसी होटल में जाकर नाचने और जाम छलकाने से बेहतर कि करणी माता को धोक लगा कर उनका आशीर्वाद लिया जाए.
नए साल के स्वागत में माता के दरबार में 17500 किलो का दाल का हलवा बनाया गया और इस प्रसाद को करणी माता के श्रद्धालुओं में नए साल के पहले दिन वितरित किया गया. इससे पहले कल रात मन्दिर में कथा हुई. मान्यता है कि मनोकामना पूरी होने पर भक्त सावन भादो कढ़ाई का भोग बनवाते है. आयोजकों का दावा है कि ये विश्व का सबसे बड़ा भोग है. प्रसाद ग्रहण करने जयपुर, जोधपुर, नागौर सहित राज्यभर से भक्त पहुंचे.
दुनिया का सबसे बड़ा भोग !
करणी बाग पैलेस के महंत डॉ. करणी प्रताप सिंह बताते हैं कि हर साल देशनोक में कन्या पूजन का आयोजन होता है. इसके बाद एक जनवरी को प्रसाद चढ़ाया जाता है. इस आयोजन को 25 साल पूरे होने पर दुनिया का सबसे बड़ा भोग चढ़ाया जा रहा है. पिछले 100 सालों में ये पहला मौका है, जब दाल का हलवा तैयार किया गया है. इस प्रसाद को बनाने के लिए 3 हजार 130 किलो मूंग दाल, 3130 किलो घी का इस्तेमाल किया गया.
इसके अलावा एक किलो केसर डाली गई. हलवे को मीठा और स्वादिष्ट बनाने के लिए 3912 किलो चीनी, 4500 किलो मावा, छह किलो इलायची, सौ किलो बादाम कतरन और 51 किलो पिस्ता भी डाला गया. बनाने में हलवा बनाने के लिए दो सौ से ज्यादा कार्यकर्ता पिछले दो दिन से करणी माता मंदिर में डटे रहे.
इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में करेंगे दावा
देशनोक करणी माता मंदिर में कई बार महाप्रसादी होती है. कई क्विंटल प्रसाद भी बनता है लेकिन पहली बार सत्रह हजार पांच सौ किलो प्रसाद चढ़ रहा है. आयोजक दावा कर रहे हैं कि अब तक न सिर्फ देशनोक बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में इतना प्रसाद और भोग एक साथ नहीं हुआ. ऐसे में इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में शामिल करने का प्रयास हो रहा है. इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड टीम को इस भोग का रिकार्ड करने के लिए बुलाया गया है. इनके ऑफिशियल आज शाम देशनोक पहुंच जाएंगे.
महाराजा गंगा सिंह ने बनवाई थी कढ़ाई
बीकानेर के पूर्व महाराजा गंगा सिंह ने यहां पर कढाई बनाई थी, जिसमें इस समय प्रसाद तैयार हो रहा है. इन कढाई का वजन क्विंटल में है और आकार भी काफी बड़ा है. पहले यहां लकड़ी से कढा़ई गर्म होती थी लेकिन अब इसे इलेक्ट्रिक बना दिया गया है. ऐसे में प्रसाद जल्दी बनता है.


