
शहर में आज भी कई मकान जर्जर अवस्था में, प्रशासन द्वारा बरती जा रही लापरवाही, कभी भी हो सकता है हादसा







खुलासा न्यूज,बीकानेर। सरकारी सिस्टम की लापरवाही सोमवार शाम को देखने को मिली। जहां शहर के व्यस्ततम इलाकें में जर्जर एक बिल्डिंग का बड़ा हिस्सा भरभराकर गिर गया। गनीमत रही कि हादसे में अब तक की जानकारी के अनुसार जनहानि नहीं हुई, अगर हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता? शायद इसका जवाब न तो सरकारी सिस्टम के पास होता और न ही किसी अन्य के पास, एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपते हुए नजर आते। बता दें कि सोमवार शाम को शहर के व्यस्तम इलाके बैदों के पिरोल में एक जर्जर मकान भरभराकर गिर गया। गनीमत रही कि कोई जनहानि नहीं हुई। बताया जा रहा है कि इस मकान को गिराने के लिये निगम को अनेक बार क्षेत्रवासियों ने शिकायती पत्र भी दिया। जिसके बाद निगम ने नोटिस चस्पा कर इतिश्री कर ली। इसके उपरान्त निगम की प्रशासक व जिला कलक्टर को भी विगत दिनों अवगत कराया गया। उसके बाद भी प्रशाासक की ओर से इस ओर गंभीरता नहीं दिखाई गई। परिणाम स्वरूप सोमवार को यह जर्जर मकान भरभराकर नीचे गिर गया। जर्जर मकान गिरने से एक बारगी बैदों की पिरोल में अफरा तफरी मच गई। सूचना के बाद एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और यहां आवागमन बंद किया। बताया जा रहा है कि जर्जर मकान की शिकायत स्थानीय वासियों की ओर से 22 सितम्बर को निगम आयुक्त को की गई। जिसके बाद निगम ने केवल इस पर नोटिस चस्पा कर दिया था। स्थानीय लोगों का आरोप है कि निगम की टीम अनेक बार आई। लेकिन इस मकान को गिराएं बिना ही चली जाती थी। यानि जानते हुए कि हादसा हो सकता है, फिर भी लापरवाही बरती गई। अब प्रशासन ने एसडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। बताया जा रहा है कि निगम के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे है और वे गिरे हुए मकान में जेसीबी और अन्य मशीनों के जरिये यह पता लगाने का प्रयास कर रहे है कि गिरे हुए मकान के नीचे कोई दबा तो नहीं है। दरअसल, शहर में ऐसे कई जर्जर मकान है, जो जर्जर अवस्था में है और ये मकान कभी भी हादसे का कारण बन सकते है। इन मकानों को लेकर मीडिया ने अनेक बार खबरें प्रकाशित की, परंतु प्रशासन अपने स्तर पर केवल और केवल खानापूर्ति कर इतिश्रि कर दी जाती है। चोटिस चस्पा कर दिया जाता है, लेकिन उसके बाद उस पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती। अगर यही लापरवाही जारी रही तो आगामी दिनों में हादसा भी हो सकता है।


