नौ जिले और तीन संभाग खत्म के फैसले पर राजनीतिक वार शुरू, जानिए किसने क्या कहा?

नौ जिले और तीन संभाग खत्म के फैसले पर राजनीतिक वार शुरू, जानिए किसने क्या कहा?

खुलासा न्यूज नेटवर्क। भजनलाल सरकार के कांग्रेस राज में बने 9 जिले और 3 संभाग खत्म के फैसले पर राजनीतिक वार शुरू हो गया है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए विरोध जताया है। कांग्रेस ने इसके खिलाफ आंदोलन का ऐलान किया है। डोटासरा ने कहा कि सीएम भजनलाल शर्मा ने अपने इलाके वाला डीग जिला बचा लिया। डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के निर्वाचन क्षेत्र वाला दूदू जिला खत्म कर उनको निपटा दिया।

हमने जनता के हित में बनाये थे नए जिले व संभाग

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश सरकार ने ये निर्णय लेने में 1 साल का समय लगा दिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस काम को लेकर उनके मन में कितना कंफ्यूजन रहा। ऐसे ही करना था तो कभी भी कर सकते थे। इतना वक्त लगाने की जरूरत नहीं थी। गहलोत ने कहा कि राजस्थान देश का सबसे बड़ा प्रदेश है। अगर 3 संभाग, जिले बनाए गए थे तो कुछ सोच-समझकर बनाए गए थे, इससे लोगों की समस्याओं का निपटारा जल्दी होता। क्योंकि छोटे जिले होने पर प्रशासनिक अधिकारियों को काम का निपटारा जल्द करना पड़ता है। तमाम तरह से छोटे जिले ही जनता के लिए लाभदायक है। उन्होंने कहा कि गुजरात, छत्तीसगढ़, एमपी आबादी के मामले में हमसे(राजस्थान से) छोटे हैं, लेकिन फिर भी गुजरात में 33 जिले हैं। एमपी में 53 जिले हैं। मैं नहीं जानता कि यह फैसला क्या सोच-समझकर लिया गया है। हमने सुशासन के लिए यह फैसला लिया था, ये मैं कह सकता हूं। पूर्व सीएम ने कहा कि जिन जिलों की मांग लंबे समय से थी। उनको खत्म कर दिया गया। अनूपगढ़ में लोगों ने आंदोलन किया, कितने लंबे समय से मांग थी। कई किसानों ने जूते पहनने तक छोड़ दिए थे। जब जिला बना,तब लोगों ने जूते पहने। एक जिला दूदू जरूर हमने छोटा बनाया। दूदू एक प्रयोग के तौर पर बनाया। गहलोत ने कहा कि दूरी ही मापदंड होता तो डीग भरतपुर से 35 किलोमीटर है। फिर उसको खत्म क्यों नहीं किया? वह तो जिला हमने बनाया, उसकी तो भरतपुर से दूरी बहुत कम है। अगर दूरी ही आधार होती तो खत्म क्यों नहीं किया। अभी उदाहरण के लिए सांचौर है, अनूपगढ़ है, इनका अगर मुख्यालय लें तो 135 किलोमीटर के आसपास है। अगर हम आखिरी छोर के गांव के हिसाब से लें तो 200 किलोमीटर हो सकता है। पता नहीं क्या सोचकर उन्होंने फैसला किया है। हमने तो गुड गवर्नेंस देने के लिए किया था। हमने चुनावी फायदे के लिए नहीं किया था। चुनाव में नफा-नुकसान होता रहता है।

डोटासरा बोले- सरकार बनने पर हम इन जिलों और संभागों को फिर से बहाल करेंगे

कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि इस सरकार ने जिले संभाग खत्म करके जनता के खिलाफ फैसला किया है। कांग्रेस सरकार इस जन विरोधी फैसले खिलाफ आंदोलन करेगी। कांग्रेस सरकार बनने पर हम इन जिलों और संभागों को फिर से बहाल करेंगे। 31 दिसंबर तक के लिए इनको छूट दी गई थी, दूसरी तरफ सर्दियों में हाईकोर्ट में छुट्टियां हैं। इसलिए आनन-फानन में फैसला हुआ। ताकि कोई कोर्ट में याचिका नहीं लगा सके। 1 जनवरी से जिलों पर रोक लग जाएगी। जरूरत पड़ी तो हम इसके खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री दिल्ली अप-डाउन कर रहे थे। वो तो यही इंतजार कर रहे थे कि कब वहां से पर्ची आए और ये कब जनता के हितों पर कुठाराघात कर सके? भजनलाल निर्णय करके खुश हो रहे होंगे, लेकिन मोदी हरियाणा में खट्टर बनाते हैं। वैसे यह भी भजनलाल को खट्टर बनाकर राजनीतिक रोटियां तो सेक लेंगे। फिर इनको हटाकर कहेंगे आप तो फेल हो गए हैं। मुख्यमंत्री को अपना विजन दिखाना चाहिए था। ऐसे सरेंडर नहीं होना चाहिए था। राजस्थान की जनता ने उनको बड़े अरमानों से चुना था, एक झटके में सब कुछ रद्द कर दिया। डोटासरा ने कहा कि विधानसभा चलाने के लिए तो सर्वदलीय बैठक बुलाते हैं, क्या इस फैसले के लिए सर्वदलीय बैठक की जरूरत नहीं थी। दूदू जिले को खत्म करके डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा को निपटा दिया। प्रेमचंद बैरवा जनता में कैसे मुंह दिखाएंगे? उनका जिला खत्म कर दिया।

नौ नए जिलों को निरस्त करने का निर्णय एक जनविरोधी निर्णय- जूली

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा सरकार की ओर से 9 नए जिलों को निरस्त करने का निर्णय एक जनविरोधी निर्णय है। जो राजस्थान के विकास और प्रशासनिक सुधार की दिशा में एक कदम पीछे की ओर है। हमारी सरकार ने जिलों का पुनर्गठन करने के लिए एक समिति बनाई थी। इसने दर्जनों जिलों के प्रतिवेदनों का परीक्षण किया और अपनी रिपोर्ट दी। इसके आधार पर नए जिले बनाने का निर्णय लिया गया था, जो राजस्थान के लोगों के लिए एक बड़ा अवसर था।
नए जिलों के गठन से पहले राजस्थान में हर जिले की औसत आबादी 35.42 लाख और क्षेत्रफल 12,147 वर्ग किलोमीटर था, जबकि नए जिले बनने के बाद जिलों की औसत आबादी 15.35 लाख और क्षेत्रफल 5268 वर्ग किलोमीटर हो गया था। यह बदलाव राजस्थान के लोगों के लिए एक बड़ा लाभ था। इससे शासन-प्रशासन की पहुंच बेहतर होती है। सुविधाओं और योजनाओं की बेहतर डिलीवरी सुनिश्चित हो पाती है, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे रद्द कर दिया है। जो एक बड़ा नुकसान है। यह निर्णय राजस्थान के लोगों के हितों के विरुद्ध है। यह सरकार की विफलता को दर्शाता है। हम इस निर्णय की निंदा करते हैं और मांग करते हैं कि सरकार इसे वापस ले और राजस्थान के लोगों के हितों को ध्यान में रखे। हम इस निर्णय के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे और राजस्थान के लोगों के हितों की रक्षा करेंगे।

अनूपगढ़ को जिला खत्म करने पर भाजपा पदाधिकारी का इस्तीफा

अनूपगढ़ जिला हटाए जाने पर भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को पद से इस्तीफा भेजा है। उन्होंने बताया कि कैबिनेट बैठक में अनूपगढ़ के साथ अन्याय हुआ है, जिससे वह आहत हुए हैं।

Join Whatsapp 26