
ठिठूरती ठंड में गुरुवार को बच्चे पहुंचे स्कूल, बच्चों व स्टाफ को सख्त चेतावनी अगर नहीं आये स्कूल तो बाहर का रास्ता देखना






निजी स्कूल संचालकों की मनमानी, हम नहीं मानेंगे आपके आदेश
ठिठूरती ठंड में गुरुवार को बच्चे पहुंचे स्कूल, बच्चों व स्टाफ को सख्त चेतावनी अगर नहीं आये स्कूल तो बाहर का रास्ता देखना
बीकानेर। प्रदेश में पड़ रही भयंकर ठंड को देखते हुए पूरे प्रदेश की सरकारी व निजी स्कूलों में 25 से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया गया है। इसको लेकर निदेशक माध्यमिक शिक्षा राजस्थान बीकानेर के सीताराम जाट ने एक आदेश जारी कर सभी निजी व सरकारी स्कूलों में अवकाश किये। उन्होंने अपने आदेश में साफ लिखा है इस दौरान कोई विद्यालय संचालित होता मिला तो उस पर कार्यवाही की जायेगी। जिसकी जिम्मेदरी स्वयं की होगी। इसके बावजूद भी निजी स्कूल संचालको को कोई डर नीं है और पढ़ाई ना करवाकर कैंप लगावा लिये अपनी शालाओं उस नाम पर बच्चों व स्टाफ को अपनी शालाओं में बुलाने के आदेश दे चुके है। एक निजी स्कूल वाले संचालक ने अवकाश के दौरान सभी स्टाफ को सख्त चेतावनी दी है कि अगर आप शाला नहीं आये तो आपकी सैलरी काट ली जायेगी। इस तरह से शोषण किया जा रहा है। एक तरफ मौसम विभाग की सख्त चेतावनी की आगे कुछ दिन भयंकर ठंड पड़ेगी। इस भरी ठंड में जब सरकारी स्कूलों का स्टाफ अपने घरों में रहेंगे तो वहीं निजी स्कूल संचालको द्वारा इस तरह की सख्ती कही ना कही शोषणा होता लग रहा है। कुछ निजी स्कूल संचालको द्वारा कलक्टर व निदेशक के आदेश नहीं मानने की पूरी तरह ठानी ली है। अभी से बच्चों को कह दिया कि अवकाश के दौरान कैंप लगायें जायेगें या उनके लिए अलग से अपने स्तर पर कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों व स्टाफ को बुलाने एक बहाना बना लिया है। इनकी मनमानी इतनी है कि किसी भी तरह से स्टाफ को अवकाश नहीं दे बस वो किसी भी तरह सरकारी अवकाश में उनको शाला बुलाया जाये।
अगर हो जाये तो कोई हादसा तो कौन जिम्मेदार
अगर सरकारी अवकाश के दौरान कोई हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन
जब सरकार ने प्रदेश की सभी सरकारी व निजी विद्यालयों में शीतकालनी अवकाश घोषित कर दिया है उसके बाद जिस तरह से निजी विद्यालयों वाले अपनी स्कूलों में कैंप व अन्य गतिविधियां बच्चों व स्टाफ से करवा जायेंगे उस दौरान कोई स्कूल में हादसा हो जाये तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी। क्या ऐसी अवस्था में निदेशक स्कूल की मान्यता रद्द या अन्य कोई कार्यवाही करेंगा। क्या प्रशासन इस तरह की छुट देकर निजी विद्यालयों के संचालको के हौसले बढ़ा रहे हो।
नामी स्कूलों पर शिक्षा विभाग मेहरबान
कई बार देखा जाता है कि शिक्षा विभाग या कलक्टर के आदेश शर्दियों व गर्मियों में अवकाश घोषित किये जाते है लेकिन शहर की नामी स्कूलें आदेशों की अवहेलना करते हुए अपनी स्कूलें संचालित करते नजर आते है। इसी तरह अभी जिला कलक्टर ने बढ़ती सर्दी को देखते हुए सभी स्कूलों का समय सुबह 9 बजे से दोपहर तीन बजे तक रखा लेकिन देखने में आ रहा था कि सुबह सात बजे बच्चे ठंड में अपने घरों के बाहर खड़े नजर आ रहे थे स्कूल जाने के लिए क्या नामी स्कूलों पर प्रशासन पूरी तरह से मेहरबानी बनी रहती है।
अगर निजी विद्यालय शीतकालीन अवकाश में स्कूल किसी बहाने संचालित करते है और उस समय कोई हादसा होता है तो उसकी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधक की होगी। इसको लेकर विभाग को कार्यवाही करनी चाहिए।
स्कूल एज्यूकेशन वेलफेयर एसोएियेशन
कोडूराम भादू
प्रदेशाध्यक्ष


