
राजस्थान में सरकारी बैठकों से गायब होंगे कचौरी-समोसा और आलू चिप्स, अब मिलेगा यह





राजस्थान में सरकारी बैठकों से गायब होंगे कचौरी-समोसा और आलू चिप्स, अब मिलेगा यह
जयपुर। सरकारी बैठकों में अब कचौरी-समोसा-आलू चिप्स और चाय की चुस्कियां लेना बंद हो सकती हैं। आने वाले समय में बाजरे के उत्पाद प्लेट में होंगे। टमाटर के सूप की जगह अब बाजरे की राब और रोटी प्लेट में आएगी, जिसे अधिकारी, विधायक, सांसद चाव से खाएंगे। श्री अन्न (मिलेट्स) को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने यह आदेश जारी किए हैं। मिलेट्स को लेकर राज्य सरकार की ओर से श्री अन्न प्रमोशन एजेंसी की स्थापना की जाएगी। साथ ही इसके प्रचार-प्रसार पर जोर दिया जा रहा है। इसी के तहत एक आदेश जारी किया गया है कि राजकीय कार्यक्रमों, प्रशिक्षण बैठकों, कार्यशालाओं में मिलेट़्स से बने उत्पाद उपयोग में लिए जाएं। इसमें बिस्किट, रस्क, नमकीन, लड्डू, चूरमा, खिचड़ी, राब, हलवा, उपमा, चिला शामिल किए जाए। बैठकों में कम से कम एक व्यंजन परोसना ही होगा। सरकारी डाक बंगलों और सर्किट हाउस में भी अब खाने के ऑर्डर के साथ में एक व्यंजन बाजरे का होगा। इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। यहां भी अभी तक नाश्ते से लेकर भोजन में मिलेट्स का उपयोग नहीं के बराबर है।
हाल में जयपुर में आयोजित राइजिंग राजस्थान समिट में भी बाजरे के उत्पाद परोसे गए। यहां आए प्रवासियों व उद्यमियों को बेहद पसंद भी आए। ऐसे में यहीं से तय किया गया कि इसको लेकर प्रदेशभर में आदेश जारी किया जाए। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बाड़मेर के 59 विभागों को यह आदेश जारी किया है। इसकी पालना पहले ही दिन से करने के भी निर्देश जारी किए गए हैं कि बैठकों और आयोजन में नाश्ते और खाने में मिलेट्स को शामिल करते हुए व्यंजन तैयार किए जाएं। सभी विभागों के अधिकारी बैठक के दौरान निगरानी रखें। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित किया था। भारत में सर्वाधिक बाजरे का उत्पादन हो रहा है और उसमें राजस्थान सिरमौर है। राज्य सरकार ने बजट में भी श्री अन्न को बढ़ावा देने की बात कही थी। ऐसे में अब श्री अन्न के प्रचार को लेकर यह आदेश किया गया है।

