
विद्युत निगम सहायक अभियंता कार्यालय के लिए आवंटित भूमि पर चला पीला पंजा, होटल, ढाबों व दुकानों को हटाया






विद्युत निगम सहायक अभियंता कार्यालय के लिए आवंटित भूमि पर चला पीला पंजा, होटल, ढाबों व दुकानों को हटाया
महेश देरासरी
बीकानेर/महाजन। कस्बे में राजमार्ग संख्या 62 के किनारे स्थित अराजीराज भूमि व नव सृजित विद्युत निगम सहायक अभियंता कार्यालय के लिए आवंटित की गई भूमि पर बने होटल, दुकानों व कब्जों पर सोमवार शाम को महाजन उपतहसीलदार सुंदरपाल गोदारा के नेतृत्व में जेसीबी मशीन लगाकर हटा दिया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता मौजूद रहा। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ भी लगी रही। हालांकि अधिकांश लोगों ने खुद ही सामान आदि बाहर निकाल लिया था।
गौरतलब है कि राज्य बजट में क्षेत्रीय विधायक व केबिनेट मंत्री सुमित गोदारा की अनुशंसा से महाजन में विद्युत निगम सहायक अभियंता कार्यालय स्वीकृत किया गया था। मंत्री गोदारा के निर्देश पर स्थानीय राजस्व विभाग ने महाजन में 33 केवी जीएसएस के पास स्थित खसरा नंबर 324 में 0.90 हैक्टेयर अराजीराज भूमि में से 0.81 हैक्टेयर भूमि आवंटन के प्रस्ताव बनाकर उपखंड अधिकारी को भेजा था। तत्कालीन उपखंड अधिकारी ने 3 सितंबर को सहायक अभियंता कार्यालय के लिए यह भूमि आवंटित कर दी। ग्रामीणों का आरोप था कि उपखंड अधिकारी ने जो भूमि आवंटन किया था उसके मुताबिक गोशाला के खेत का रास्ता सुरक्षित छोड़ दिया गया था। बाद में महाजन उपतहसील कार्यालय के अधिकारियों व पटवारियों ने गड़बड़ी करते हुए नक्शे में फेरबदल कर मूल खसरे के दो टुकड़े करते हुए चन्द लोगों को लाभ देते हुए गोशाला के खेत का रास्ता बंद कर दिया। निगम के अधिकारियों की मांग पर महाजन उपतहसीलदार सुंदरपाल गोदारा ने हल्का पटवारी आसाराम गोयल को सहायक अभियंता कार्यालय की जमीन का सीमाज्ञान करने के आदेश जारी किए थे। 13 नवम्बर को हल्का पटवारी मौके पर पहुंचे व सीमाज्ञान की कार्यवाही शुरू की तो गोशाला संचालक व अन्य लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंच गए। मौके पर पहुंचे गोशाला के संचालक व अन्य लोगों ने हल्का पटवारी गोयल व निगम के सहायक अभियंता राजेश रोशन के सामने वास्तविक स्थिति रखते हुए गोशाला के खेत का रास्ता बंद करने का विरोध जताया। ग्रामीणों ने ऐसी स्थिति में सीमाज्ञान नहीं करने देने की बात कही। ग्रामीणों ने कहा कि पहले स्वीकृत भूमि के नक्शे के अनुसार सीमाज्ञान करवाया जाना चाहिए। ग्रामीणों के विरोध व मौके पर विवाद खड़ा होता देख हल्का पटवारी ने मौका रिपोर्ट बनाकर उच्चाधिकारियों को भेज दी थी। इस मामले को लेकर 24 नवंबर को उपतहसीलदार गोदारा ने इस भूमि में जिन लोगों के कब्जे, पट्टे व निर्माण कार्य है उनको बुलाकर बैठक की। गोदारा ने सभी लोगों को अराजीराज भूमि से निर्माण व कब्जे हटाने को कहा। उपतहसीलदार गोदारा ने कहा कि अराजीराज भूमि सरकार की है। इसमें निर्माण व अतिक्रमण नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने सभी निर्माण हटाने के निर्देश दिए थे। इस मामले को लेकर केबिनेट मंत्री गोदारा को भी लोगों ने अवगत करवाते हुए बिना भेदभाव सभी निर्माण व कब्जे हटाने की गुहार लगाई थी। इस मामले में जिला कलक्टर नम्रता वृष्णि व उपखंड अधिकारी दयानंद रूयल से मिले आदेश पर उपतहसीलदार गोदारा ने 28 नवंबर को नोटिस जारी कर 2 दिसम्बर तक भूमि खाली करने व अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए थे। शाम को जेसीबी मशीन लगाकर होटल, ढाबे व दुकानें तोड़ दी गई।
पुलिस जाप्ता रहा मौजूद
इस दौरान महाजन, लूणकरणसर व जामसर पुलिस थाने से बड़ी संख्या में पुलिस जाप्ता मौजूद रहा। किसी भी स्थिति में कानून व्यवस्था नहीं बिगड़े इसको लेकर पुलिसकर्मी मुस्तैद नजर आए। मौके पर गिरदावर रेखराज, हल्का पटवारी आसाराम गोयल, विद्युत निगम के सहायक अभियंता राजेश रोशन, कनिष्ठ अभियंता अशोक डूडी सहित अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे।


