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स्कूलों के लिए अपार आईडी बनी गले की फांस आधारकार्ड व यू-डाइस पोर्टल पर हो रहे है नाम मिसमैच

स्कूलों के लिए अपार आईडी बनी गले की फांस आधारकार्ड व यू-डाइस पोर्टल पर हो रहे है नाम मिसमैच

स्कूलों के लिए अपार आईडी बनी गले की फंास, आधारकार्ड व यू-डाइस पोर्टल पर हो रहे है नाम मिसमैच
बीकानेर। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों को सरकारी और गैर सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की यूनिक आइडी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री (अपार) बनाने का काम सौंपा है, लेकिन हालात यह हो गए हैं कि न तो अपार का काम ही गति पकड़ पा रहा है और न ही अद्र्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी हो पा रही है। एक तरफ विभाग के अधिकारी अपार आइडी जल्द से जल्द तैयार करने का दबाव बना रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ यू-डाइस प्लस पोर्टल में दर्ज विद्यार्थियों की डिटेल और माता-पिता के आधार कार्ड की डिटेल मिसमैच हो रही है। स्थितियां ये है कि प्रदेश के 50 जिलों में एक पखवाड़े के बाद भी बमुश्किल 16 फीसदी ही कार्य हो पाया है।
यह आ रही हैं दिक्कतें
यू डाइस प्लस पोर्टल पर एक छात्रा का नाम पूजा यादव पुत्री कमल यादव है। जबकि आधार में उसके पिता का नाम कमल ही है। इस प्रकार पिता के सरनेम में मिस मैच होने के कारण अपार आइडी नहीं बन पा रही है।
पोर्टल से बनती है अपार आइडी
आइडी का निर्माण यू-डाइस प्लस पोर्टल से किया जा रहा है। विद्यार्थी की पोर्टल पर दर्ज डिटेल नाम, पिता का नाम, जन्मदिनांक आदि आधार कार्ड में समान होने के साथ ही माता-पिता के आधार की डिटेल से समान होना जरूरी है। समस्या यह है कि कई गलतियों को सही करने के लिए आधार कार्ड को अपडेट होना जरूरी है, लेकिन सूचनाओं के लिए अभिभावक सहयोग नहीं कर रहे। आइडी बनाने के लिए शिक्षकों को तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
इनका कहना है
आधार अपडेशन व अभिभावकों की सहमति के नहीं होने के कारण अपार आईडी बनाने में दिक्कत आ रही है वहीं दूसरी ओर स्कूलों पर अद्र्धवार्षिक परीक्षा का भार भी है। इसलिए सरकार को चाहिए कि बच्चों की अपार आईडी या तो सरकार स्वयं किसी एजेंसी से बनाये या फिर अभिभावकों को स्वयं करने के लिए कहा जाये।
कोडाराम भादू
स्कूल एजेयूकेशन वेलफेयर एसोसिएशन संघ राजस्थान
प्रदेशाध्यक्ष

अपार आईडी सरकार का एक बहुत ही बेहतरीन कार्य है, लेकिन इतनी महत्वपूर्ण आईडी बनाने के लिए दी गई समयावधि बहुत ही कम है। इसे बनाने में आ रही बहुत सी विसंगतियों का निराकरण नहीं किया जाएगा तो इसका लक्ष्य व उद्देश्य हासिल करने में सरकार को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। अभिभावकों की सहमति लेकर ही इस आईडी को क्रिएट करने की व्यवस्था भी इसमें विलंब का हेतु है। राष्ट्रीय पोर्टल पर यह आईडी बन रही है और पिछले एक सप्ताह से पोर्टल स्कूल अवर्स में या तो चलता ही नहीं है या फिर एक दम रूक रूक कर चल रहा है। अतः सरकार को चाहिए कि वे इस अत्यंत ही महत्वपूर्ण कार्य के लिए स्कूल्स को पर्याप्त समय दें तथा आ रही समस्याओं का समाधान भी उपलब्ध कराए।

गिरिराज खैरीवाल
(प्रदेश समन्वयक)
प्राइवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा), राजस्थान

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