अब तक नहीं हुए शिक्षकों के तबादले, इंतजार में टीचर्स

अब तक नहीं हुए शिक्षकों के तबादले, इंतजार में टीचर्स

अब तक नहीं हुए शिक्षकों के तबादले, इंतजार में टीचर्स

बीकानेर। राज्य में भाजपा सरकार के कार्यकाल को लगभग एक वर्ष पूरा होने जा रहा है, लेकिन अभी तक शिक्षकों के तबादले नहीं हुए हैं। ना तो सरकार की ओर से अभी तक ट्रांसफर पॉलिसी फाइनल हुई है ना ही तबादलों के लिए कोई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। शिक्षक लंबे समय से पारदर्शी स्थानांतरण नीति का इंतजार कर रहे हैं। पिछले माह संपन्न हुए शिक्षकों के दो दिवसीय शैक्षिक सम्मेलन में भी स्थानांतरण मुख्य मुद्दा रहा। हालांकि, प्रदेश में उपचुनाव से पहले राज्य सरकार ने अक्टूबर माह में करीब 40 प्रिंसिपल सहित 15 शिक्षकों के तबादले किए, लेकिन आपत्ति होने पर कुछ देर बाद ही शिक्षा विभाग ने उन आदेशों को वापस ले लिया। राजस्थान में नई भाजपा सरकार के गठन के बाद फरवरी में तबादले खुले उस समय अनेक विभागों में तबादले किए गए, लेकिन शिक्षा विभाग इससे अछूता रहा।

वर्तमान सरकार में प्रिंसिपल से लेकर ग्रेड थर्ड शिक्षकों तक किसी भी कैडर के टीचर्स को अभी तक स्थानांतरण का लाभ नहीं मिला है। अब उपचुनाव संपन्न हो चुके हैं शिक्षक संगठन तबादलों की डिमांड कर रहे हैं। भाजपा के चुनावी संकल्प पत्र में राज्य में नई तबादला नीति लाने के वादे के तहत इसका ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया गया है। लेकिन इस पर अभी तक कैबिनेट की मुहर नहीं लगी है। बताया जा रहा है कि भाजपा चुनावी संकल्प पत्र के अनुसरण में ट्रांसफर पॉलिसी नहीं बन पाई है। नई तबादला नीति में जनप्रतिनिधियों के डिजायर सिस्टम को शामिल नही होने की चर्चा है। जबकि जनप्रतिधि चाहते हैं कि तबादलों में उनकी भी चले, जिसको लेकर पेंच फंसा हुआ है। सरकार की भी मंशा है कि बाधाओं को हटाकर जल्द तबादला नीति लागू की जाए।राज्य के स्कूलों में कार्यरत तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले लंबे समय से नहीं हुए हैं। पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भी तृतीय श्रेणी शिक्षकों को स्थानांतरण का लाभ नहीं मिला। वर्ष 2018 में भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले किए गए थे।

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