अत्याधुनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली से रेलवे की संरक्षा सुदृढ़

अत्याधुनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली से रेलवे की संरक्षा सुदृढ़

अत्याधुनिक इंटरलॉकिंग प्रणाली से रेलवे की संरक्षा सुदृढ़
बीकानेर। रेलवे फाटकां और स्टेशनों पर ऑटोमैटिक सिगनल से रेल संचालन हुआ बेहतर और संरक्षा को मिली मजबूती
रेलवे द्वारा सरंक्षा को सदैव प्राथमिकता दी जाती है। रेलवे संरक्षित रेल संचालन के लिए प्रतिबद्व है। संरक्षित रेल संचालन के लिए रेलवे द्वारा अत्याधुनिक तकनीक व नवाचरों का उपयोग किया जा रहा है। संरक्षित रेल संचालन में अत्याधुनिक और अपग्रेड सिगनल प्रणाली की अहम भूमिका है। उत्तर पश्चिम रेलवे पर अत्याधुनिक इलैक्ट्रॉनिक इंटरलाकिंग और ऑटोमैटिक सिगनल प्रणाली स्थापित की गई है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे के 264 स्टेशनों पर इलैक्ट्रॉनिक इंटरलाकिंग प्रणाली और 183 स्टेशनों पर पैनल इंटरलॉकिंग प्रणाली स्थापित की गई है। इन अत्याधुनिक और उन्नत सिगनल प्रणाली से संरक्षा मजबूत होने के साथ-साथ ट्रेनों की गति बढऩे और सेक्शन कैपेसिटी में भी बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही समपार फाटकों पर सडक़ उपयोगकर्ताओं की गलती से होने वाली दुर्घटनाओं में भी रोक लगी है। समपार फाटक पर इस प्रणाली के माध्यम से यदि किसी परिस्थिति के कारण फाटक बंद नहीं हो पाता है तो फाटक पर लगा हुआ सिगनल हर स्थिति में लाल ही रहेगा यानि उस सिगनल से पहले ही लोको पायलेट को ट्रेन रोकनी है। इसको इस प्रकार से समझा जा सकता है कि किसी समपार फाटक से गुजरने वाले सडक़ वाहनों की बहुत अधिक संख्या के कारण गेटमैन के अलार्म बजाने के उपरांत भी यदि किसी कारण से फाटक बंद नहीं हो पाता है तो फाटक से निश्चित दूरी पर लगा सिगनल हमेशा लाल ही रहेगा यानि उस सिगनल से आगे लोको पायलेट ट्रेन की नहीं ले जा सकता है। इसमें जब तक फाटक का बूम पूरी तरह से बंद होकर लॉक में फिट नहीं हो जाता है तब तक इंटरलॉकिंग प्रणाली, सिगनल को ऑपरेट ही नहीं करती है अर्थात् वह लाल ही रहेगा। यानि जब तक सभी वाहन या आदमी ट्रैक से हट नहीं जाते तब तक गेटमैन फाटक बंद नहीं कर सकता और सिगनल ऑपरेट नहीं होगा इस स्थिति में किसी भी प्रकार की दुर्घटना नहीं हो सकती। इंटरलॉकिंग प्रणाली का सबसे बडा फायदा यह है कि इसमें मानवीय त्रुटि का संभावना बिल्कुल भी नहीं रहती है।
रेलवे ने सभी सडक़ उपयोगकर्ताओं के लिए दिशानिर्देश जारी कर रखे है कि समपार पर गेटमैन के साथ किसी तरह की जबरदस्ती नहीं करे और फाटक बंद करने का अलार्म बजने पर फाटक से दूर होकर अपने वाहन रोक ले और ट्रेन निकलने का इंतजार करे। रेलवे ट्रैक को गैर कानूनी और अनाधिकृत रूप से पार करना रेल अधिनियम की धारा 147 के तहत दण्डनीय अपराध है इसमें जुर्माना या कैद अथवा दोनों हो सकती है।
इसके साथ ही लाइन कैपेसिटी को बढ़ाने और ट्रेनों की स्पीड में बढोतरी करने लिए 110 किलोमीटर रेलखण्ड में ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली स्थापित की गई हे। अजमेर से साखुन व बोबास से कानोता रेलखण्डों में ऑटोमैटिक सिगनलिंग प्रणाली स्थापित की जा गई है। संरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए उत्तर पश्चिम रेलवे पर स्वेदशी कवच प्रणाली के लिए टेण्डर जारी कर दिये गये है। कवच प्रणाली उत्तर पश्चिम रेलवे के 1586 किलोमीटर रेलमार्ग पर स्थापित की जायेगी।
रेलवे संरक्षा के लिए प्रतिबद्व है और संरक्षित रेल संचालन के लिए अत्याधुनिक प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।

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