
इस बार वायरल ने बदला ट्रेंड, रिकवरी कर चुके मरीज दोबारा आ रहे बीमारी के चपेट में






खुलासा न्यूज, बीकानेर। इस बार वायरल के ट्रेंड में बदलाव के कारण मरीजों की मुसीबत बढ़ गई है। दिन में गर्मी और रात में सर्दी बढऩे के कारण वायरल संबंधी बीमारियां कम नहीं हो रही है। अस्पतालों की मेडिसिन ओपीडी में सर्दी-जुकाम से रिकवरी कर चुके मरीज दोबारा बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार ओपीडी में इस प्रकार के मरीजों की संख्या करीब 20 प्रतिशत तक है। इस संक्रमण के कारण लोगों को सिर में तेज दर्द, सांस की नली और सीने में तकलीफ भी हो रही है। इसी वायरल के चलते अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं। संक्रमण के चलते मरीजों को सिर में तेज दर्द के चलते दी जाने वाली दर्द निवारक और बुखार की दवाइयां मरीजों पर कम असर कर रही हैं, इसलिए उन्हें हाइडोज की दवाइयां दी जा रही हैं। इस दौरान खास बात यह है कि इस संक्रमण की जांच में रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। वहीं बच्चों में टॉन्सिल जैसे लक्षण नजर आ रहे है।
वायरल के ट्रेंड में बदलाव
चिकित्सकों के अनुसार मेडिसिन ओपीडी में 55-60 फीसदी मरीजों में वायरल फीवर की पुष्टि हो रही है। वायरल के ट्रेंड में बदलाव के कारण मरीजों की रिकवरी दो सप्ताह से ज्यादा समय तक नहीं हो पा रही है। कई मरीजों में लीवर, किडनी और ब्रेन पर भी असर देखा गया है। आईसीयू में रोजाना दो से तीन ऐसे मरीज भर्ती हो रहे हैं। इन मरीजों को कमजोरी ज्यादा महसूस हो रही है। वेरिएंट में बदलाव के असर जो वायरल फीवर का असर सामान्यत: तीन से पांच दिन में रहता था, जो अब 7 से 10 दिन तक रह रहा है। कुछ मरीजों में खांसी की भी शिकायत मिल रही है, वो भी सात से दस दिन में ठीक हो रही है।


