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आरएएस अफसर प्रियंका बिश्नोई की मौत के मामले में रिपोर्ट सौंपी सरकार को, जानें क्या कहा कलेक्टर ने

खुलासा न्यूज नेटवर्क। जोधपुर की असिस्टेंट कलेक्टर(एसीएम) रहीं प्रियंका विश्नोई (33) की मौत के मामले की जांच रिपोर्ट शुक्रवार को कलेक्टर गौरव अग्रवाल को सौंप दी गई है। कलेक्टर ने रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से मना कर दिया। उन्होंने बताया कि इसे सीधा सरकार को भेजेंगे। बता दें कि 13 दिन चले इलाज के बाद बुधवार देर रात अहमदाबाद के हॉस्पिटल में प्रियंका विश्नोई का निधन हो गया था। 5 सितंबर को जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में बच्चेदानी का ऑपरेशन किया गया था, लेकिन उनकी हालत बिगड़ गई थी। परिवार वाले उन्हें सिम्स (अहमदाबाद) ले गए थे। परिवार ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। इधर, गुरुवार को जब उनका पार्थिव शरीर जोधपुर पहुंचा तो समाज और परिजन हॉस्पिटल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग पर अड़ गए थे। समाज के लोगों का कहना था कि कमेटी बनने के बाद भी जांच रिपोर्ट नहीं आई। करीब साढ़े चार घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद वे माने और गुरुवार शाम को ही फलोदी के सुरपुरा गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

 

एसएन मेडिकल कॉलेज की बनाई थी कमेटी

इस मामले को लेकर परिजन लगातार वसुंधरा हॉस्पिटल मैनेजमेंट पर लापरवाही से इलाज करने का आरोप लगा रहे थे। परिवार का आरोप है कि अस्पताल में इलाज में लापरवाही बरती और उन्हें एनेस्थीसिया (बेहोशी की दवा) ज्यादा दे दिया या खून ज्यादा बह गया। तीन दिन पहले इस मामले को लेकर कलेक्टर की ओर से एसएन मेडिकल कॉलेज के एक्सपर्ट की टीम बनाकर मामले की जांच के आदेश दिए थे। इस टीम में गायनिक विभाग से डॉ. रंजना देसाई, मेडिसिन से डॉ. इंदू थावानी, सर्जरी से डॉ. विजय शर्मा, न्यूरोलॉजी से डॉ.शुभकरण खींचड़, एनेस्थीसिया से डॉ. नवीन पालीवाल को शामिल किया गया था।

 

कलेक्टर बोले- रिपोर्ट की इसकी स्टडी करेंगे

मामले को लेकर बनाई मेडिकल एक्सपर्ट की टीम ने शुक्रवार को अपनी जांच रिपोर्ट कलेक्टर गौरव अग्रवाल को सौंप दी। हालांकि जांच में क्या सामने आया इसकी जानकारी कलेक्टर ने नहीं दी है। कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने कहा कि प्रियंका विश्नोई के इलाज को लेकर जांच के लिए एक कमेटी एसएन मेडिकल कॉलेज की ओर से बनाई गई थी। यह रिपोर्ट एसएन मेडिकल कॉलेज कमेटी की ओर से सब्मिट कर दी गई। रिपोर्ट में पेशेंट के निजता और आगे की जांच को ध्यान में रखते हुए पूरा खुलासा नहीं किया जा सकता है। रिपोर्ट की स्टडी की जा रही है। इसके बाद पूरी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज रहे हैं। यदि लगता है कि मामला गंभीर है तो उस पर गंभीरता से कार्रवाई की जा सके। इसलिए इसे राज्य सरकार को भेजा जा रहा है।
बता दें कि प्रियंका 2016 बैच की राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (आरएएस) की अफसर थीं। उनका ट्रांसफर पिछले दिनों नगर निगम उपायुक्त पद पर हुआ था, लेकिन अस्पताल में होने की वजह से वे जॉइन नहीं कर पाई थीं।

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