कोरोना के कातिल: ये है पर्दो के पीछे के जांबाज

कोरोना के कातिल: ये है पर्दो के पीछे के जांबाज

बीकानेर। बीकानेर में कोरोना वायरस से संक्रमित रोगियों के बढते ग्राफ से आज हर कोई शहरवासी चिंतित नजर आ रहा है, वहीं इस महामारी से लोहा लेते हुए पर्दे के पिछे के कई जांबाज सिपाही ऐसे भी हैं जो शहरवासियों को भयमुक्‍त करने के लिए अपनी जान भी दांव पर लगा रहे हैं। ऐसे ही जांबाज सिपाही हैं हमारे मेडिकल कोलेज एंव संबंध चिकित्सालय वर्ग पीबीएम मे कार्यरत केन्द्रीय जीव रसायन विभाग के तमाम लैब तकनीशियन वर्ग। सभी को विदित है कि अस्‍पताल परिसर के सुपर स्पेस्लिस्ट में उपचाराधीन कोरोना संदिग्ध और कोरोना पोजिटिव रोगियो का सैपल लेने से लेकर जांच लगाने तक लैब टेक्निशियन की प्रमुख भूमिका होती है। सभी जानते हैं कि इस महामारी के भयावह दौर में कोई भी शख्‍स कोरोना संदिग्‍धों के पास फटकने की हिम्‍मत तक नहीं जुटा पाते है, वहीं ऐसे मुश्किल दौर में जीव रसायन विभाग के तमाम लैब टेक्निशियन ना केवल कोराना संदिग्‍ध रोगियो के रक्त नमुनो की जांचे कर रहे है, बल्कि उनका हौसला अफजाई भी कर रहे हैं। जीव विभाग के ऐसे ही जांबाज सिपाहियों है वरिष्ठ लैब तकनीशियन अशोक कुमार जीनगर, वरिष्ठ तकनीकी सहायक गौरे लाल मीणा, तकनीकी सहायक लाल चन्द जैदिया, तकनीकी सहायक आसकरण जयपाल, तकनीकी सहायक आनन्द सिंह दैया,तकनीकी सहायक चैतन जी मेघवाल, वरिष्ठ लैब तकनीशियन मल्लू राम जनागल, महावीर सारस्वत, रमेश कुमार व्यास, डॉ. प्रेम प्रकाश स्वामी, निशाद परिहार, अशोक कुमार खिचड़, विपिन कुमार सोनी, दिनेश कुमार पुरोहित, सागरमल तंवर, पवन कुमार शर्मा आदि सभी महामारी के इस दौर मे अपना सर्वस्व दांव पर लगा रहे है। आपको बता दें कि मरीजों के इलाज में सबसे अहम रोल हमेशा चिकित्‍सकों का ही माना जाता है, लेकिन उनके द्वारा किया जाने वाला उपचार लैब टेक्निशियन द्वारा पुष्टि की गई जांचो के उपरांत ही संभव होती है। आपको बता दे कि आज चिकित्सा जगत की धूरी मानी जाने वाले कैडर लैब तकनीशियन के हौसले की दाद पूरा चिकित्सा जगत दे रहा है।

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