
पेपर लीक के वांटेड कॉन्स्टेबल को पकड़ा, श्रीगंगानगर में दोस्त के घर छुपा था





खुलासा न्यूज नेटवर्क। सब इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में जोधपुर पुलिस ने वांटेड आरोपी कॉन्स्टेबल को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को पकडऩे के लिए जोधपुर पुलिस की स्पेशल टीम के पुलिसकर्मी हैदराबाद में मजदूर बनकर रहे। वहां से सुराग मिला कि आरोपी श्रीगंगानगर में है। पुलिसकर्मी स्टूडेंट बनकर श्रीगंगानगर पहुंचे। 20 अगस्त (मंगलवार) को आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि कॉन्स्टेबल पेपर बेचने के बाद आए पेमेंट को गिरोह के लिए मैनेज करने का काम करता था।
जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार के अनुसार सांचौर निवासी आरोपी शैतानाराम 2015 से जोधपुर कमिश्नरेट में कॉन्स्टेबल पद पर कार्यरत था। अप्रैल 2024 में उसे लग गया था कि वह भी शिकंजे में आने वाला है। ऐसे में फरार हो गया। मई में उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया। पुलिस टीम लगातार उसकी तलाश कर रही थी। आरोपी पुलिस के सभी टेक्निकल तरीके जानता था, इसलिए उसके तरीकों से ही उसे तलाश किया। उसे पकडऩे के लिए ऑपरेशन ‘दुष्ट दमन’ चलाया गया।
आईजी ने बताया के अनुसार आरोपी शैतानाराम के हैदराबाद और करीम नगर (तेलंगाना) में होने की जानकारी मिली थी। स्टील की रेलिंग का काम करने का सबूत हाथ लगा था। हैदराबाद में सांचौर-जालोर के कई लोग स्टील की रेलिंग बनाते हैं। इस क्लू के आधार पर जोधपुर पुलिस की साइक्लोनर टीम वहां पहुंची। पुलिसकर्मियों ने खुद मजदूर बनकर 10 दिन तक रेलिंग बनाने का काम किया और आरोपी के बारे में पूछताछ करती रही। तब सबूत मिला कि आरोपी कॉन्स्टेबल श्रीगंगानगर में हो सकता है।
टीम श्रीगंगानगर पहुंची और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले स्टूडेंट बनकर निकर-टीशर्ट में घूमी। श्रीगंगानगर सदर थाना इलाके में आरोपी कॉन्स्टेबल अपने दोस्त के घर छुपा था। दोस्त स्टील की रेलिंग बनाने का काम करता है। उसके साथ ही आरोपी काम कर रहा था।
छत से कूदकर भागने की कोशिश
रक्षाबंधन (19 अगस्त) के दिन साइक्लोनर टीम ने उसे पकडऩे के लिए उसके दोस्त के घर दबिश दी। टीम को देखते ही आरोपी कॉन्स्टेबल छत से कूदकर भागने लगा। पुलिस ने चारों ओर से घेरकर उसे दबोचा। उसने गिरफ्त से छूट कर भागने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रहा। पुलिस ने उसे एसओजी के हवाले किया। आरोपी के साथ दो लोग और थे, जो उसकी सहायता कर रहे थे। त्योहार का दिन होने से दोनों अपने गांव चले गए।

