
बीकानेर शहर में बढ़ी चेन स्नेचिंग की घटनाए, पुलिस की पकड़ से दूर





बीकानेर शहर में बढ़ी चेन स्नेचिंग की घटनाए, पुलिस की पकड़ से दूर
बीकानेर। जिले में काफी समय चोरी खासतौर से चेन चोरी के मामलों में महिलाओं की भूमिका सामने आ रही है।
महिलाओं का पूरा गिरोह सक्रिय रहता है, जो धार्मिक स्थलों के आसपास घूमता है। यह महिलाएं मंदिर आने वाली महिला श्रद्धालुओं को अपना शिकार बनाती हैं।
हाल ही में पवनपुरी के नागणेचेजी, नाल के कोडमदेसर व देशनोक के करणी माता मंदिर में महिलाओं के गले से चेन तोडऩे की कई वारदातें हो चुकी हैं। कुछ घटनाएं पुलिस में रिपोर्ट हुईं। कुछ में पीडि़त बिना पुलिस को सूचना दिए चले गए। इन हालात ने चोर गिरोह का हौसला और बढ़ा दिया।
पुलिस के पास पहुंचे 15 फीसदी पीडि़त
जिले में पिछले तीन माह में चेन स्नेचिंग की नौ वारदातें हो चुकी हैं। वहीं राहगीरों से मोबाइल छीन ले जाने की वारदातें आए दिन हो रही हैं। एक पीडि़त श्याम कमा ने बताया कि पखवाड़े भर पहले बीकानेर आया। बस स्टैंड से पीबीएम जाते समय रात करीब साढ़े नौ बजे बाइक सवार मोबाइल छीन ले गए। पुलिस में रिपोर्ट कराने गया, लेकिन नहीं हुई। एक अनुमान के मुताबिक जिले में हर चौथे दिन महिलाओं से पर्स छीनने, सोने की चेन तोडऩे की वारदात होती हैं, लेकिन इनमें से 85 फीसदी महिलाएं थाने नहीं पहुंचती हैं। थानों में टालमटोल व पुलिस के रवैये के चलते कोई रिपोर्ट कराने ही नहीं आता।
रात में थाने में रखनेसे बचते हैं पुलिस अधिकारी
चेन स्नेचिंग हो या चोरी के मामले में संदिग्ध महिलाओं को पुलिस थाने तो जरूर लाती है, लेकिन पूछताछ करने के बाद उन्हें छोड़ देती है।
ऐसे में यह महिलाएं वापस पुलिस के हाथ नहीं लगतीं और दूसरी जगह जाकर वारदात को अंजाम देती हैं।
कोडमदेसर में चेन स्नेचिंग के मामले में पुलिस दो संदिग्ध महिलाओं को थाने लेकर गई, लेकिन बाद में उन्हें पूछताछ कर छोड़ दिया गया, जबकि वहां के स्थानीय लोगों का कहना था कि यह महिलाओं का गिरोह है, जो चेन स्नेचिंग, पर्स व अन्य सामान चोरी की वारदातों को अंजाम देता है। इन महिलाओं को कई बार लोगों ने मौके पर पकड़ा, लेकिन यह महिलाएं गरीब होने एवं छोटे बच्चों का हवाला देकर खुद को बचा लेती हैं। लोग भी बिना वजह पचड़े में पडऩा नहीं चाहते।

