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बीकानेर: सफाई संसाधनों के पहिए ठप, कचरे के ढ़ेर, उफन रहे नाले

बीकानेर: सफाई संसाधनों के पहिए ठप, कचरे के ढ़ेर, उफन रहे नाले

बीकाने। सफाई कर्मचारी भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने की मांग को लेकर प्रदेश स्तर पर चल रहे आंदोलन के समर्थन में नगर निगम के सफाई कर्मचारी बुधवार को पांचवे दिन भी कार्य बहिष्कार पर रहे। सफाई कर्मचारियों के कार्य बहिष्कार पर रहने से शहर की सफाई व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। जगह-जगह कचरे के ढेर, जाम नाले-नालियां और उफनते सीवरेज चैंबर से गंदा पानी सड़कों पर फैल रहा है। कार्य बहिष्कार के कारण निगम के सफाई संसाधनों के पहिए भी ठप हो चुके है। बुधवार को न ट्रैक्टर ट्रॉलियों से कचरा परिवहन हुआ और ना ही जेसीबी डंपर से कचरा उठा। घर घर कचरा संग्रहण व्यवस्था भी प्रभावित रही।

आंदोलन के तहत नगर निगम सफाई कर्मचारियों व वाल्मीकि समाज के लोगों ने संयुक्त वाल्मीकि संघर्ष सिति के बैनर तले नगर निगम भण्डार के मुख्य द्वार के बाहर गेट मीटिंग कर मांगे रखी। वरिष्ठ सफाई कर्मचारी नेता मोडाराम चांवरिया की अध्यक्षता में इस दौरान सभा हुई। सभा को संबोधित करते हुए सफाई कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रदेश में होने वाली सफाई कर्मचारियों की भर्ती में वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता दी जाए। भर्ती में जब तक वाल्मीकि समाज को प्राथमिकता देने को लेकर ठोस निर्णय नहीं हो जाता है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।

शनिवार से निगम सफाई कर्मचारी आंदोलनरत है। शहर की सफाई व्यवस्था दिन प्रतिदिन बिगडती जा रही है। गली-मोहल्लों से मुख्य मार्गों, बाजारों और कॉलोनी क्षेत्रों तक कचरे की ढेरियां लग चुकी है। नाले-नालियां व सीवर चैंबर जाम पड़े है। सफाई को लेकर अब तक निगम प्रशासन की वैकल्पिक व्यवस्थाएं सामने नहीं आई है। लोग परेशान हो रहे है। निगम अधिकारी शहर की सड़कों के हालात जानने की बजाय बंद कमरों में बैठके कर इतिश्री कर रहे है।

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