बीकानेर पंचायत समिति:राहत में भी भ्रष्टाचार की बू,आदेशों की आड़ में लूट खसोट

बीकानेर पंचायत समिति:राहत में भी भ्रष्टाचार की बू,आदेशों की आड़ में लूट खसोट

बीकानेर। कोरोना वैश्विक महामारी में आमजन के बचाव और उनको राहत पहुंचाने के लिये जहां सरकार व जिला प्रशासन दिन रात किये हुए है। वहीं सरकार के कुछ अधिकारी मूश्कराज बनकर न केवल राजस्व को चूना लगा रहे है। बल्कि भ्रष्टाचार कर सरकार की प्रतिष्ठा ही धब्बा लगा रहे है। उनमें बीकानेर पंचायत समिति के विकास अधिकारी भी शामिल है। जो एक आदेश की आड़ में ग्राम विकास अधिकारियों से लूट खसोट में लगे हुए है। जानकारी मिली है कि राज्य सरकार ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर पचास हजार,पंचायत समिति स्तर पर एक लाख और जिला परिषद सीओ स्तर पर डेढ लाख रूपये तक के मास्क,हाइड्रो क्लोराइड,गलब्स आदि खरीद के लिये निविदा निकाल कर खरीद के आदेश दे रखे है। मंजर ये है कि इन आदेशों की अनदेखी कर बीकानेर प ंचायत समिति के विकास अधिकारी भोमसिंह इन्दा ने बीकानेर की एक फर्म सारस्वत मेडिकोज को मास्क,हाइड्रो क्लोराइड,गलब्स की सप्लाई के लिये अधिकृत कर दिया और प्रत्येक ग्राम पंचायत के ग्रामसेवकों को इस फर्म से ही सारा सामान खरीद कर फर्म के नाम का चैक देने के लिये कहा। जबकि ग्राम पंचायतें अल्पकालीन निविदा के जरिये इसकी खरीद अपने स्तर पर कर सकती थी।
ग्रामसेवकों ने एक बारगी मना किया तो निकाले ऐसे आदेश
बताया जा रहा है कि जब ग्रामसेवकों ने ग्राम पंचायत स्तर पर ही अल्पकालीन निविदा के जरिये मास्क,हाइड्रो क्लोराइड,गलब्स और इससे संबंधित सामान खरीद की बात की। विकास अधिकारी भोमसिंह ने जिला कलक्टर के उस आदेश को अपना हथियार बनाया। जिसमें कार्मिकों को अपना मुख्यालय नहीं छोडऩे की हिदायत दी गई थी। उस आदेश में विकास अधिकारी ने ग्रामसेवकों को अपने ग्राम पंचायतों में ही रहकर कार्य करने के लिये निर्देशित किया। साथ ही ऐसा न करने वालों को वाट्सएप पर विडियो व फोटो अपलोड करने के लिये भी तंग और परेशान किया। जिसके चलते कई ग्रामसेवकों ने विकास अधिकारी की बात को मानते हुए उनके कहे अनुसार सप्लाई करने वाली फर्म को पचास हजार तक के चैक काटकर दे दिए।
जरूरत से ज्यादा सप्लाई
एक ग्रामसेवक ने अपना नाम न छापने की शर्ते पर बताया कि ग्राम पंचायत 200 लीटर हाईड्रो क्लोराइड,10 से 20 मास्क और 2 से 4 गलब्स ही उपलब्ध करवाएं गये है। जबकि बिल इससे अधिक के प्रस्तुत करने के मौखिक आदेश हो रखे है। विकास अधिकारी के विरूद्व कार्य करने वालों क ो आदेशों की आड़ में तंग किया जा रहा है। आपको बता दें कि जिले में सात पंचायत समिति व 295 ग्राम पंचायतें है। जिनको क्रमश:पचास हजार व एक लाख रूपये की राशि स्वीकृत हुई है।इस ग्रामसेवक ने बताया कि एक ग्राम पंचायत में सामान की खरीद 12 से 15 हजार रूपये तक की खर्च हो रहा है और बिल 48 हजार तक के प्रस्तुत हो रहे है।
कंट्रोल रूप है अनकंट्रोल
जिला प्रशासन ने विकास अधिकारी को निर्देशित कर बीकानेर पंचायत समिति में कंट्रोल रूम की स्थापना कर कार्मिकों की डयूटी लगाई है और फोन नंबर 0151-2226761 हेल्प लाईन के लिये ग्रामीणों के लिये दिए है। परन्तु इस फोन पर घंटी जाती है। किन्तु रिसिव करने वाला कोई नहीं है। खुलासा को जो जानकारी मिली है यह फोन पिछले कई महीनों से बंद ही पड़ा है। पंचायत समिति के एक कार्मिक ने बताया कि एक लाख के बजट वाले इस कार्यालय में न तो सेनेटराईज करने का साधन है और न ही पर्याप्त संसाधन।

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