
राजस्थान विधानसभा में उठी प्रेम विवाह को लेकर ये मांग, भजनलाल सरकार का आया जवाब






राजस्थान विधानसभा में उठी प्रेम विवाह को लेकर ये मांग, भजनलाल सरकार का आया जवाब
जयपुर। राजस्थान में प्रेम विवाह को लेकर विधायक पूसाराम गोदारा ने विधानसभा में कानून बनाए जाने की मांग की। उन्होंने सदन में प्रेम विवाह से पूर्व माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करने हेतु ठोस कानून बनाये जाने के संबंध में सवाल लगाया था। जिस पर भजनलाल सरकार ने जवाब में कहा कि च्प्रेम विवाह से पहले माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करने व भागने व भगाकर ले जाने वालों के खिलाफ विधि बनाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।ज्
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प्रेम विवाह से पूर्व माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करने हेतु कानून बनाए जाने को लेकर रतनगढ़ से विधायक पूसाराम गोदारा ने सदन में सरकार के सामने प्रस्ताव रखा। जिसे लेकर राजस्थान सरकार ने विस्तार से जवाब देते हुए बताया कि च्जहां तक नाबालिग या विवाहित लडक़े-लड़कियों के द्वारा अपनी मर्जी या किसी के बहकावे में आकर घर छोडक़र भाग जाने से परिवारों व संबंधित समाज पर हो रहे दुष्प्रभाव का बिन्दु है।ज्
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माता-पिता की सहमति का कोई प्रावधान नहीं
सरकार ने जवाब में आगे बताया कि विवाह संबंधी विद्यमान कानूनों में नाबालिग के विवाह को शून्यकरणीय विवाह माना गया है, किन्तु जहां दो वयस्क लडक़ा-लडक़ी परस्पर विवाह करते हैं और विवाह की वैद्य शर्तें पूरी करते हैं। वहां उनके माता-पिता की सहमति लिये जाने का किसी कानून में प्रावधान नहीं है।
विधायक के सवाल पर सरकार ने जबाव देते हुए बताया कि च्माननीय उच्चतम न्यायालय ने भी यह स्पष्ट किया है कि जब तक एक बार दो वयस्क लडक़ा-लडक़ी शादी के बंधन में बंधने को सहमत हो जाते हैं तो परिवार की, समुदाय की, कबीला की सहमति की आवश्यकता नहीं है, दोनों वयस्क की सहमति को पवित्रता से प्रधानता दी जानी चाहिए। इस विधिक स्थिति में, प्रेम विवाह से पहले माता-पिता की अनुमति अनिवार्य करने व भागने व भगाकर ले जाने वालों के खिलाफ विधि बनाने का अभी तक कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।


