Gold Silver

सरपंचों की जगह एग्जाम दे रहे डमी अभ्यर्थी पकड़े,सरकारी स्कूल में चल रहे थे 10वीं-12वीं स्टेट ओपन एग्जाम, 3 नाबालिग समेत 20 जने डिटेन

सरपंचों की जगह एग्जाम दे रहे डमी अभ्यर्थी पकड़े,सरकारी स्कूल में चल रहे थे 10वीं-12वीं स्टेट ओपन एग्जाम, 3 नाबालिग समेत 20 जने डिटेन
बाड़मेर । प्रदेश में पंचायत राज चुनाव की आहट के बीच 10वीं और 12वीं स्टेट ओपन के एग्जाम में डमी अभ्यर्थी द्वारा एग्जाम देने का मामला सामने आया है। बाड़मेर के सरकारी स्कूल में एक साथ 20 परीक्षार्थियों की जगह डमी अभ्यर्थी एग्जाम दे रहे थे। जिन्हें केन्द्राधीक्षक की शिकायत पर पुलिस ने डिटेन कर लिया।
पुलिस ने वास्तविक परीक्षार्थी आलमसर सरपंच मिठन शाह की जगह हनीफ पुत्र सुमार और अली मोहमद शाह की बस्ती सरपंच सफूरा की जगह डमी अभ्यर्थी नसीबा खान पुत्र खमीशा खान को डिटेन किया है। वहीं मामले में 3 नाबालिग समेत कुल 20 आरोपियों को पकड़ा है।
मामले में डमी अभ्यर्थियों द्वारा पंचायती राज के चुनाव लडऩे के एंगल से भी जांच की जा रही है। दरअसल, वसुंधरा राजे की सरकार के समय पंचायती राज के चुनाव लडऩे के लिए शैक्षणिक योग्यता दसवीं कर दी गई थी। इससे कई सारे प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ पाए थे।
हालांकि अशोक गहलोत सरकार ने शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता को हटा दिया था। लेकिन राजस्थान में फिर से भाजपा सरकार आने के बाद शैक्षणिक योग्यता लागू होने की संभावनाओं के कारण अधिकतर प्रत्याशी शैक्षणिक योग्यता का मापदंड पूरा करने में जुट गए है।
डाक्युमेंट में हस्ताक्षर नहीं मिले
एएसपी नितेश आर्य ने बताया- मामला धनाऊ इलाके की गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल का है। शुक्रवार को 10वीं और 12वीं स्टेट ओपन के एग्जाम चल रहे थे। धनाऊ ब्लॉक के आलमसरिया गांव की सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एक साथ 20 परीक्षार्थी की जगह फर्जी अभ्यर्थी एग्जाम देने पहुंच गए है।
चैकिंग के दौरान उनके डॉक्यूमेंट मिलान नहीं होने पर सेंटर सुपरिटेंडेंट को संदेह हुआ। इस पर धनाऊ पुलिस को सूचना दी। धनाऊ पुलिस ने स्कूल पहुंचकर फर्जी अभ्यार्थियो को डिटेन किया। केंद्राधीक्षक की रिपोर्ट पर धनाऊ थाने में मामला दर्ज कर लिया है।
कुल 20 जनों को डिटेन किया
मामले में कुल 20 जनों को डिटेन किया है। इसमें 17 बालिग को गिरफ्तार कर लिया है। 3 नाबालिग से पूछताछ की जा रही है। इसमें 11 पुरूष और 9 महिला है।
हालांकि डमी परीक्षार्थी किसकी जगह बैठे है और क्यूं बैठे है, इसको लेकर जांच शुरू कर दी है और आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है। वास्तविक परीक्षार्थी के खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम और नए कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी। अंदेशा है कि जो परीक्षार्थी है, वो आने वाले समय में पंचायती राज चुनाव लडऩे की मंशा रखते है। इसकी भी गहनता से जांच की जा रही है।
पंचायती राज में चुनाव लडऩा चाहते है फर्जी अभ्यर्थी
पुलिस का कहना है कि आगामी पंचायती राज चुनाव में शैक्षणिक अनिवार्यता के चलते लोग एजुकेशन के मापदंड पूरे करने के लिए स्टेट ओपन परीक्षा फॉर्म भरते है। एग्जाम में किसी अन्य को बैठाकर वे परीक्षा उतीर्ण कर लेते है। जिससे शैक्षिणक योग्यता पूरी हो सके और पंचायती राज चुनाव लडऩे में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं आए।

Join Whatsapp 26