चार घंटे एम्बुलेंस में पड़ा रहा है कोरोना संक्रमित डॉक्टर का शव, नहीं हुआ अंतिम संस्कार, अधिकारियों के हाथ-पैर फूले

चार घंटे एम्बुलेंस में पड़ा रहा है कोरोना संक्रमित डॉक्टर का शव, नहीं हुआ अंतिम संस्कार, अधिकारियों के हाथ-पैर फूले

चेन्नई। कोरोना वायरस के खौफ ने इंसानियत को भी शर्मसार कर दिया है। पार्थिव शरीर के सामने हर किसी के सिर झुक जाते हैं लेकिन चेन्नई में कोरोना महामारी के बीच एक नई समस्या आई है। दरअसल, इस वायरस की चपेट में आकर जान गंवाने वाले 56 वर्षीय डॉक्टर के अंतिम संस्कार में मुश्किलें खड़ी हो गई है। सोमवार को अंबत्तूर के सीमेंट्री में डॉक्टर के शव का अंतिम संस्कार करने से रोक दिया गया। शव जलाने को लेकर शवदाह गृह के बाहर 200 से अधिक लोगों ने हंगामा किया और सोशल डिस्टेंसिंग जस के तस धरे रह गए। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के चार घंटे की समझाइस के बाद भी स्थानीय लोगों ने शव का अंतिम संस्कार होने नहीं दिया जिसके बाद शव को निजी अस्पताल में रखा गया है।

आंध्र के डॉक्टर की मौत
सूत्रों के अनुसार आंध्र प्रदेश के नेल्लोर के रहने वाले 56 वर्षीय ऑर्थो सर्जन को कोरोना संक्रमण हुआ था। इलाज के दौरान उनके मरीज से उन्हें यह गंभीर बीमारी हो गई और उनकी हालत बिगड़ गई। हालत बिगडऩे के बाद उन्हें चेन्नई के वानागरम स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन रविवार रात उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई।<

अधिकारियों के हाथ-पैर फूले
स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल के कर्मचारियों ने कागजात कार्रवाई पूरी करने के बाद सोमवार दोपहर दो बजे शव को अंबत्तूर के सीमेंट्री स्थित शवदाह गृह पहुुंंचे। वाहन शवदाह गृह पहुंचा तो वहां के स्टाफ ने कोरोना संक्रमित सुनते ही हाथ खड़े कर दिए और अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। जब यह सब सुनकर अधिकारियों को बताई गई तो उनके हाथ-पैर फूल गए।

200 लोगों ने किया हंगामा
कुछ ही देर में 200 से अधिक स्थानीय निवासी वहां पहुंच गए। हद तो तब हो गई जब चार घंटे तक डॉक्टर का शव सड़क पर वाहन में ही पड़ा रहा। स्वास्थ्य विभाग और पुलिस मौके पर पहुंचकर लोगों को समझाने की कोशिश की। उन्हें बताया गया कि शव से संक्रमण होने के कोई प्रमाण नहीं है। फिर भी स्थानीय लोग नहीं माने और घंटो हंगामा किया और शव वापस ले जाने पर अड़े रहे।

शव वापस ले गए कर्मचारी
पुलिस, नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियां ने स्थानीय लोगों को समझाया कि मृत देह से कोरोना नहीं फैलता फिर भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एहतियात के तौर पर कोविड-19 रोगियों के शवों को लेकर जो दिशा-निर्देश दिए हैं उसमें दाह संस्कार के लिए कहा है। शव को लीक प्रूफ प्लास्टिक बैग में पैक किया जाए। परिवार के सदस्य श्मशान घाट पर पहुंचे, लेकिन 100 मीटर दूर कार में बैठे रहे। कई प्रयासों के बावजूद लोग मानने को तैयार नहीं थे आखिरकार शव को वापस ले जाना पड़ा। इस दौरान परिजनों का बिलखना सभी की आंखें नम कर गया।

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