![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/05/022-293.jpg)
हनुमान बेनीवाल ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर खड़े किए सवाल
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2023/02/drgifad.gif)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/06/WhatsApp-Image-2024-06-20-at-8.51.17-PM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/06/WhatsApp-Image-2024-06-16-at-11.31.10-PM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/04/WhatsApp-Image-2024-04-04-at-12.06.31-PM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-06-12-at-12.05.55-AM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2022/08/d186fc64-d41f-4ece-8c59-2b3589462913.jpg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/06/WhatsApp-Image-2024-06-08-at-2.50.27-PM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/04/WhatsApp-Image-2024-06-08-at-3.45.05-PM.jpeg)
खुलासा न्यूज नेटवर्क। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने चुनाव आयोग की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में चुनाव को लगभग 1 महीने का वक्त बीतने को है। लेकिन अब तक चुनाव आयोग ने मुझे नागौर में हुए मतदान के सही आंकड़े तक उपलब्ध नहीं करवाए हैं। जबकि देश में काफी जगह मतदान के अंतरिम और अंतिम आंकड़ों में भी बड़ा अंतर आ रहा है। जो निष्पक्ष चुनाव का परिचायक नहीं है। हनुमान बेनीवाल ने कहा कि मैंने खुद ने जिला निर्वाचन अधिकारी को नागौर लोकसभा के बूथ वार हुए मतदान के वास्तविक आंकड़े लिखित में मांगे थे। इसको लेकर राज्य निर्वाचन विभाग को भी इस संबंध में पात्र लिखा था। लेकिन आज तक इस संबंध में मुझे किसी तरह की कोई सूचना नहीं देना लोकतांत्रिक वयवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। बेनीवाल ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र को सशक्त करने के लिए होते है। जिसमें मतदाता अपनी मर्जी से अपने उम्मीदवार का चयन करता है। इसके साथ ही उम्मीदवार को पूरा हक है कि उसे बूथ – वार मतदान के आंकड़े निर्वाचन विभाग उपलब्ध कराए। लेकिन वास्तविक मतों की संख्या नही देना चुनाव प्रक्रिया पर बड़ा सवालिया निशान है। बेनीवाल ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर देशभर में काफी नागरिकों ने सुप्रीम कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया है। जबकि होना यह चाहिए था कि चुनाव आयोग को बिना किसी के मांगे मतदान के वास्तविक आंकड़े जारी कर देने चाहिए थे। लेकिन आयोग ने ऐसा नहीं किया। ऐसे में अब मतदान के अंतरिम और अंतिम आंकड़ों में अंतर पर निर्वाचन आयोग को सार्वजनिक रूप से अपना स्पष्टीकरण देना चाहिए। इसके साथ ही प्रत्येक लोकसभा के उम्मीदवारों को बूथ वार हुए मतदान के प्रमाणित आंकड़े उपलब्ध कराने चाहिए।
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2024/05/WhatsApp-Image-2024-06-08-at-2.36.48-PM.jpeg)
![](https://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2023/10/IMG-20240415-WA0026.jpg)
![](http://khulasaonline.com/wp-content/uploads/2021/04/whatsapp-icon.png)