
इस भीषण गर्मी को देखते हुए आमजन के प्रति गंभीर है सरकार, लेकिन पीबीएम प्रशासन मरीजों के प्रति नहीं दिख रहा गंभीर






खुलासा न्यूज, बीकानेर। इस भीषण व प्रचंड गर्मी को देखते राज्य सरकार आम-आदमी के स्वास्थ्य को लेकर गंभीर दिखाई दे रही है, पानी-बिजली के पुख्ता बंदोबस्त करने के अलावा स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों में पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए पाबंद किया है, वहीं दूसरी और पीबीएम प्रशासन जो मरीजों के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहा। पीबीएम प्रशासन की इस उदासीनता व लापरवाही की वजह से अधिकांश वार्डों में मरीज गर्मी में अपना इलाज लेने को मजबूर हो रहे है। जिन वार्डों में कूलर-एसी लगे हुए है वो बंद पड़े है, उन्हें चालू नहीं किया जा रहा है, जबकि डॉक्टर्स के हर चैंबर में एसी चल रहा है। कहीं कूलर खराब पड़े है तो उनको ठीक नहीं करवाया जा रहा। ऐसे में मरीज अपने स्तर पर कूलर की व्यवस्था कर रहे है। सोमवार की देर रात को जब बीकानेर पश्चिम जेठानंद व्यास पीबीएम के ट्रोमा सेंटर पहुंचे तो उन्हें एसी बंद पड़े मिले। जिस पर व्यास ने ट्रोमा सेंटर प्रशासन की इस उदासीनता पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने तुरंत मौके पर अधीक्षक को फोन कर अवगत कराया और कहा कि बंद पड़े एसी को चालू किया जाए, ताकि मरीजों को इस गर्मी से राहत मिले। बता दें कि पीबीएम अस्पताल एक मात्र ऐसा अस्पताल है, जहां हर प्रकार की सेवाएं देने के लिए भामाशाहों की लाइन लगी रहती है। हर सीजन में बीकानेर के भामाशाहों द्वारा एसी-कूलर या फिर बैड, स्ट्रेक्चर तथा अन्य इक्यूपमेंट भेंट करते रहते है, ताकि मरीजों को किसी अभाव में परेशान नहीं होना पड़े, लेकिन ये एसी-कूलर कहां लगते या फिर कहां रखे जाते है, इसका कोई अता-पता नहीं है। वर्तमान में पीबीएम में ऐसे कई वार्ड है, जहां मरीज केवल पंखे की हवा में अपना ईलाज ले रहे है, ऐसा भी नहीं है कि प्रत्येक बैड पर पंखा लगा हुआ है, दो बैड पर एक पंखा चलता है। ऐसे में मजबूरन 45 डिग्री तापमान की गर्मी में मरीज इलाज लेने को मजबूर हो रहे है। यह गंभीर विषय है, इस पर जिला प्रशासन को संज्ञान में लेने चाहिए, ताकि इस भीषण गर्मी में मरीजों को राहत मिल सके।


