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गांव के 600 परिवारों ने मतदान नहीं करने का लिया फैसला, दौड़ा-दौड़ा पहुंचा प्रशासन, प्रधान बने गारंटर, 10 घंटे की समझाइश के बाद माने

खुलासा न्यूज नेटवर्क। राजस्थान में 13 लोकसभा सीटों पर दूसरे चरण का मतदान कल 26 अप्रैल को है। इस बीच नागौर जिले के राजसमंद संसदीय क्षेत्र के मेड़ता उपखंड के एक गांव में 600 परिवारों ने फैसला किया है कि वे मतदान नहीं करेंगे। किसानों का आरोप है कि 3 साल से इलाके में सूखा पड़ा है। पेयजल की किल्लत है। विधायक लक्ष्मण राम कलरू को समस्या बताई तो कहा मेरे कंधों पर पाइप नहीं लगे हैं। हालांकि विधायक का कहना है कि उन्होंने ऐसा नहीं कहा। इसके बाद पंचायत समिति प्रधान की 10 घंटे की समझाइश के बाद गांव वाले माने।

मामला मेड़ता के डाबरियाणी ग्राम पंचायत के जावली गांव का है। गांव 5 हजार की आबादी वाले गांव में 600 परिवार हैं। इनमें 1395 वोटर्स हैं। गुरुवार सुबह 10 बजे गांव के चौक पर इकट्?ठे हुए। गांव में पिछले तीन साल से पानी नहीं आने पर आज सुबह 8 बजे ग्रामीणों ने गांव के गवाड़ में एकत्रित होकर कल वोटिंग नहीं करने का निर्णय लिया था। जैसे ही यह खबर प्रशासन के कानों में पहुंची तो समझाइश का दौर शुरू हो गया, जो शाम 6 बजे रुका। अफसरों की मौजूदगी में मेड़ता प्रधान संदीप चौधरी की समझाइश पर 10 घंटे बाद ग्रामीण मान गए और अब कल सभी ने वोटिंग करने का आह्वान किया है।

आपको बता दें कि आज सुबह बड़ी संख्या में ग्रामीण गांव के मुख्य गवाड़ में एकत्रित हुए थे। इस दौरान पानी की सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने मतदान के बहिष्कार की चेतावनी दी।

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