
इन्होंने तो अपनी जिन्दगी ही दान दें दी,इनको सैल्यूट





बीकानेर। देश में कोरोना संकट से निपटने के लिये किसी ने 25 करोड़,तो किसी ने पचास करोड़ तो किसी ने सौ करोड़ दिए। पर पुलिस,डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ,मीडिया और सफाईकर्मियों ने तो अपनी अपनी जिन्दगी ही दान में दी है। यह कहना है बीकानेर के उद्योगपत्ति विनोद बाफना का। विनोद एग्रो इन्डस्ट्री के संचालक बाफना ने इस वर्ग के प्रति अपनी संवेदना जताते हुए कहा कि कोरोना मानवीय त्रासदी लेकर आया है। एक ऐसी त्रासदी जो पूरे विश्व को प्रभावित कर रही है। दोनों विश्व युद्धों में भी इतनी तेजी से दुनिया के हर एक देश किसी संकट में घिरे हों, ऐसा नहीं हुआ था। भारत की गरीब और कामगार आबादी के लिए तो बहुत ही चुनौतीपूर्ण समय आ गया है। भारत में 21 दिन का लॉकडाउन है,कोरोना वायरस की बढ़ती स्पीड को देखते हुए देश की रफ्तार को रोक दिया गया है। इस दौरान कुछ ऐसे लोग हैं, जो संक्रमण के बीच हमारी आपातकाल सेवा में तैनात है,इसमें जिला प्रशासन, पुलिस, मीडियाकर्मी और चिकित्सकीय स्टाफ सहित सफाईकमियों ने तैनात रहकर सबसे अहम योगदान दी। ये लोग दूसरों की जान बंचाने के लिए खुद को जोखिम में डाल रहे हैं और सामने आकर लोगों की मदद कर रहे हैं, ये सब कोरोना के जंग के हीरो हैं। इनकी कार्यशैली को सैल्यूट।


