
ऐसा क्या हुआ कि रेलवे स्टेशन पर लोगों ने किया हंगामा, अधिकारियों पर लगाये गंभीर आरोप





बीकानेर। कोलायत में रहने वाले लोगों को रेल में अगर तत्काल टिकट बनवाना हो तो अलसुबह चार बजे स्टेशन पर पहुंचना होगा। चार बजे पहुंचने के बाद भी उसे दो या तीन नंबर टोकन दिया जाएगा। एक नंबर या दो नंबर टोकन तो देररात साढ़े तीन बजे ही रेलवे कर्मचारी अपने चहेतों को दे देते हैं। कुछ ऐसा ही माजरा शनिवार सुबह हुआ। कोलायत के वार्ड 10 में रहने वाले राहुल सुबह चार बजे रेलवे स्टेशन पर टोकन लेने पहुंचा तो उसे दूसरे नंबर का टोकन दिया गया। राहुल का कहना था कि वह ठीक चार बजे कोलायत के रेलवे स्टेशन पहुंच गया। वहां पर उससे पहले कोई नहीं था। वहीं 11 बजे टिकट लेने पहुंचा तो वहां एक व्यक्ति पहले से ही खड़ा था। उसने पूछा कि 4 बजे तो मैंने टोकन लिया था तो वह आदमी बोला में तो देररात साढ़े तीन बजे ही टोकन नंबर ले गया था। टिकट बनाने वाली मैडम बोली, नंबरिंग सही है। राहुल का आरोप है कि उसने इस संबंध में स्टेशन मास्टर अनिल कुमार से शिकायत की तो वहां बैठे कर्मचारी ने उसे चुप रहने का कहा। कहा, अगर शोर मचाया तो पुलिस को पकड़ा देगा। इस पर वहां मौजूद अन्य लोगों ने नाराजगी जताई। इन लोगों का कहना था कि कोलायत रेलवे स्टेशन के कर्मचारियों ने यही रिवाज बना रखा है। रात 3 और 3 30 बजे कर्मचारी अपने चेहते को तत्काल का टोकन दे रहे हैं।सीनियर डीसीएम के पास पहुंची शिकायत, सोमवार को स्टेशन अधीक्षक को बीकानेर बुलाया कोलायत रेलवे स्टेशन पर हुएमामले की शिकायत बीकानेर मंडल के सीनियर डीसीएम महेश चंद जेवलिया के पास दोपहर को पहुंची। इस पर जेवलिया ने तत्काल कोलायत के स्टेशन अधीक्षक बसंत करल से बात की।उन्होंने करल से अलसुबह चार बजे तत्काल के लिए नंबरिंग टोकन देने का कारण पूछा तो करल बोले ये तो लंबे समय से चल रहाहै। इस पर सीनियर डीसीएम नाराज हुए और उन्होंने करल को सोमवार को डीआरएम ऑफिस तलब कर लिया है।नियम तत्काल शुरू होने से पहले ही दी जाती है नंबरिंगलोगों की सुविधा के लिए रेलवे की ओर से तत्काल टिकट बनवाने से पहले फार्म पर नंबरिंग कर दी जाती है। इस प्रक्रिया से टिकट बनवाने के लिए आने वाले लोगों ने बीच कहासुनी नहीं होती। यह प्रक्रिया बीकानेर रेलवे स्टेशन पर भी लागू है।वहीं कोलायत के देररात नंबरिंग देने का अलग ही नियम रेलवे कर्मचारियों ने बना रखा है। स्टेशन अधीक्षक ने बसंत करल ने ो बताया कि यह व्यवस्था तो यहां पर लंबे समय से चल रही है। मुझे तो आए हुए कुछ ही समय हुआ है।

