
पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, ‘भ्रामक’ विज्ञापन मामले में अब ये सफाई दी







नई दिल्ली। पतंजलि (Patanjali) ने भ्रामक विज्ञापन (Misleading ads) वाले केस में बिना कोई शर्त माफी मांग ली है. पतंजलि ने ये माफी अपने पुराने बयानों के लिए मांगी है. पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कंपनी के ‘अपमानजनक बयानों’ वाले विज्ञापन पर खेद जाहिर किया है. कंपनी के MD बालकृष्ण ने हलफनामे में कहा कि पिछले साल नवंबर के बाद जारी किए गए विज्ञापनों का उद्देश्य केवल ‘सामान्य बयान’ था, हालांकि उसमें गलती से ‘अपमानजनक वाक्य’ शामिल हो गए. उन्होंने साथ ही ये भी बताया कि इन विज्ञापनों को पतंजलि के मीडिया विभाग ने मंजूरी दी थी.
इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के MD बालकृष्ण को अदालत में बुलाया था. 27 फरवरी, 2024 को हुई सुनवाई में कोर्ट ने मधुमेह, बीपी, थायराइड, अस्थमा, ग्लूकोमा और गठिया जैसी बीमारियों से ‘स्थायी राहत, इलाज और उन्मूलन’ का दावा करने वाले पतंजलि के विज्ञापनों को भ्रामक बताया और उनपर रोक लगा दी थी. रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के MD बालकृष्ण से तीन हफ़्ते के अंदर जवाब भी मांगा था. लेकिन अदालत को रामदेव या पतंजलि की तरफ़ से कोई जवाब मिला नहीं.


