
नए शिक्षा सत्र से प्राइमरी क्लासेज में लागू होगी नई शिक्षा नीति, RTE के तहत नर्सरी और फर्स्ट में होंगे एडमिशन






नए शिक्षा सत्र से प्राइमरी क्लासेज में लागू होगी नई शिक्षा नीति, RTE के तहत नर्सरी और फर्स्ट में होंगे एडमिशन
बीकानेर। स्कूलों के नए सेशन में नई शिक्षा नीति का असर भी दिखना शुरू हो जाएगा। खासकर प्राइमरी क्लासेज में नई शिक्षा नीति के तहत बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। जिसमें पहली क्लास में अब पांच के बजाय छह साल के स्टूडेंट को एडमिशन देने का निर्णय शामिल है। इसके साथ ही शिक्षा का अधिकार कानून के तहत प्राइवेट स्कूल्स में नर्सरी और फर्स्ट क्लास में ही एडमिशन मिलेगा। पिछले साल एलकेजी और यूकेजी में भी एडमिशन दिया गया था। जयपुर में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आरटीई एडमिशन के लिए गाइडलाइन फाइनल की गई। ये तय हुआ कि इस बार पहली क्लास में पांच साल के बजाय छह साल के स्टूडेंट्स को प्रवेश देने का निर्णय हुआ है। नई शिक्षा नीति में भी ये ही उम्र तय की गई है। इसके साथ ही नर्सरी में तीन से चार साल के स्टूडेंट को एडमिशन मिलेगा। शिक्षा का अधिकार कानून के तहत भी इन दो क्लासेज में ही एडमिशन के लिए आवेदन लिए जाएंगे। नई नीति के तहत इस बार एलकेजी और यूकेजी में आरटीई के तहत एडमिशन नहीं होगा। नई शिक्षा नीति के तहत पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 6 से 7 साल आयु वर्ग के अभ्यर्थी आवेदन के पात्र होंगे। नर्सरी कक्षा में 3 से 4 वर्ष के बालक आवेदन कर सकेंगे। पिछले साल तक पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 5 से 7 साल की आयु निर्धारित थी। लेकिन नई शिक्षा नीति के तहत अब यह बदलाव किया गया है। वही पिछले साल निजी स्कूल की 4 कक्षाओं में प्रवेश लिया गया था। इस बार केवल दो कक्षाओं में निशुल्क प्रवेश लिया जा सकेगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आरटीई में निशुल्क प्रवेश के लिए गाइडलाइन निर्धारित कर दी गई है। नए शिक्षा सत्र में प्रवेश के लिए जल्द ही ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।


