
आरक्षण प्रणाली के कारण व्यास नहीं बन पाए प्रदेश महासचिव





बीकानेर। देश में आरक्षण के चलते कितने ही योग्य या तो नौकरी से वंचित हो जाते है या फिर प्रतिभावान को उचित मौका नहीं मिल पाता। इसी आरक्षण के कारण देश में प्रतिभावान आगे नहीं बढ़ पा रहे है। हालांकि सभी को मौका मिलना चाहिए,किन्तु जो तय मापदंड है,उनमें बदलाव कर प्रतिभावान को वंचित रखना भी लाजमी नहीं है। कुछ ऐसा ही मामला यूथ कांग्रेस चुनाव में देखने को मिला। जब एक युवा नेता चुनावों में तय मापदंडों को पूरा कर चुनाव जीतने के बाद भी उच्च पद की बजाय उन्हें निम्न पद से संतोष करना पड़ा। गत माह हुए राजस्थान युवा कांग्रेस चुनावों में प्रदेश महासचिव के 11 पदों हेतु चुनाव हुए। जिसमे बीकानेर के अरुण व्यास सहित पूरे राजस्थान से 70 के करीब उम्मीदवार मैदान मे थे। अरुण व्यास ने सर्वाधिक मत पाने वाले 11 उम्मीदवारों मैं 2003 मत प्राप्त कर जगह बनाई तब सभी यह मान रहे थे कि व्यास का प्रदेश महासचिव बनना तय है। लेकिन हाल ही में घोषित कार्यकरिणी में आरक्षण प्रणाली से 5 महासचिव बनाये जाने से अरुण व्यास से कम मत प्राप्त उम्मीदवार भी प्रदेश महासचिव बन गए। अरुण व्यास के अतिरिक्त बीकानेर से अन्य कोई प्रत्याशी सर्वाधिक मत पाने वाले 11 उम्मीदवार के आस-पास भी नहीं रहा।


