
उम्मीदों के बजट में बीकानेर रहा खाली हाथ, न इलेक्ट्रिक बस मिली और न ही कोई बड़ी सौगात







-पत्रकार कुशाल सिंह मेडतियां की खास रिपोर्ट
बीकानेर। प्रदेश की भाजपा सरकार की ओर से गुरुवार को लेखानुदान प्रस्तुत किया गया। इस दौरान कई बड़ी-बड़ी घोषणाएं वित्त मंत्री दिया कुमारी की ओर से की गई। लेकिन इस बार के बजट में बीकानेर के लिए कोई बड़ी घोषणाएं नहीं की गई। देखा जाए तो बीकानेर को इस बार के बजट से काफी कुछ उम्मीद भी थी, लेकिन निराशा हाथ लगी। जबकि बीकानेर को इस लिए भी उम्मीद थी क्योंकि यहां से सात में से छह विधायक भाजपा से है। लेकिन इसके बाद भी बजट में कोई बड़ी घोषणा नहीं हो सकी। बीकानेर के लिए इनोवेशन सेंटर की घोषणा जरूर की गई है। लेकिन इसको लेकर भी स्थिति साफ नहीं है की यह कहा खोला जाएगा और इसमें क्या-क्या कोर्स करवाए जाएंगे। बजट में 500 इलेक्ट्रिक बसें चलाने की भी घोषणा की गई है। लेकिन इसमें भी बीकानेर के हाथ कुछ नहीं लग सका है। जबकि सबसे ज्यादा जरुरत बीकानेर को ही थी।
यहां अगर इन बसों का संचालन शुरू कर दिया जाता तो इससे बीकानेर शहर में सिटी बसें भी चलनी शुरू हो सकती थी। जिसकी पिछले लंबे समय से यहां के लोग मांग भी कर रहे थे। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। इसके अलावा शहर की सबसे बड़ी कोटगेट रेल फाटक समस्या एक बार फिर जस की तस ही नजर आ रही है। वसुंधरा सरकार में 2008 में तैयार हुए सूरसागर के हालात भी किसी से परे नहीं है। लेकिन बजट में इसको लेकर भी कोई घोषणा नहीं हुई। जीर्णोद्धार की बात करें तो बीकानेर को निराशा ही हाथ लगी है। खेल और शिक्षा के क्षेत्र में भी बीकानेर को कुछ नहीं मिल सका। कुल मिलाकर कहें तो बीकानेर को इस बारे के बजट में केवल निराशा ही हाथ लगी है।


