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पिता चलाते हैं चाउमीन की ठेला, बेटी ने बॉक्सिंग में मेडल जीतकर पूरा किया सपना, प्रदेश में बढ़ाया मान

बीकानेर. बॉक्सिंग का नाम सुनते ही सबसे पहले मैरी कॉम का ध्यान आता है, लेकिन बीकानेर में मैरीकॉम को अपना आदर्श मानने वाली लड़कियां है जो रोजाना बॉक्सिंग की प्रैक्टिस कर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन कर रही हैं. ऐसी ही एक कहानी बीकानेर की साक्षी की है. जो मैरीकॉम को आदर्श मानकर उनकी तरह देश के लिए खेलना चाहती है. हाल ही में साक्षी ने स्टेट लेवल पर अंडर-17 में ब्रांज मेडल जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है.

कहते है मंजिल पाने के लिए संघर्ष की राहें आसान नहीं होती है. कोई आर्थिक रूप से कमजोर है तो किसी के पास संसाधन नहीं है. ऐसे में 13 साल की बीकानेर की साक्षी सिंह की राह भी आसान नहीं है. दरअसल, साक्षी के पिता लोक बहादुर सिंह शहर में चाउमीन का ठेला लगाते हैं और वह जैसे तैसे घर का खर्चा चलाते है. साक्षी को बॉक्सिंग में देश के लिए खेलता देखना चाहते हैं.

देश के लिए मेडल जितना है सपना
साक्षी ने बताया कि बॉक्सिंग करने का सपना उनके पिता का है और उनके पिता ने ही उन्हें खेलने के लिए प्रेरित किया है. साक्षी ने कहा कि पिता के सपने को देख कर ही बॉक्सिंग खेलना शुरू की और अब मुझे यह खेल अच्छा लगने लगा है. साक्षी ने बताया कि वह यहां सरकारी स्कूल में पढ़ती है और अपने परिवार के साथ किराए के मकान में रहती है. साक्षी रोजाना घर 10 से 15 किलोमीटर दूर बॉक्सिंग के लिए प्रैक्टिस करने जाती है. वह यहां तक अपने दोस्तों के साथ आती है. साक्षी का सपना है कि वह मैरीकॉम की तरह देश के लिए खेले और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन करें.

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