
राजस्थान, मध्यप्रदेश और केन्द्र सरकार के बीच हुआ एमओयू, 25 लाख किसानों के लिए गुड न्यूज





राजस्थान, मध्यप्रदेश और केन्द्र सरकार के बीच हुआ एमओयू, 25 लाख किसानों के लिए गुड न्यूज
जयपुर। राजस्थान और मध्यप्रदेश के लाखों लोगों के लिए बहुप्रतिक्षित पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को लेकर चल रही खींचतान अब खत्म हो गई है। परियोजना को मूर्तरूप देने को लेकर राजस्थान, मध्य प्रदेश और केन्द्र सरकार की ओर से संयुक्त डीपीआर बनाने को लेकर रविवार को नई दिल्ली में जलशक्ति भवन में समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर हो गए। केन्द्र सरकार ने 13 दिसम्बर 2022 को पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना को ईआरसीपी के साथ एकीकृत करने के प्रस्ताव को प्राथमिकता वाली लिंक परियोजना के लिए अनुमोदन किया था। एमओयू के अनुसार पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना में सम्मिलित रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नवनैरा बैराज, मेज बैराज, राठौड़ बैराज, डूंगरी बांध, रामगढ़ बैराज से डूंगरी बांध तक फीडर तंत्र, ईसरदा बांध का क्षमता वर्धन एवं पूर्वनिर्मित 26 बांधों का पुनरूद्धार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भजनलाल शर्मा कहा कि ईआरसीपी के तहत पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, करौली, धौलपुर, भरतपुर, दौसा, अलवर, जयपुर, अजमेर एवं टोंक में पेयजल उपलब्ध होगा। इसके अतिरिक्त, राज्य के 2 लाख 80 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से 13 जिलों के लगभग 25 लाख किसान परिवारों को सिंचाई जल एवं राज्य की लगभग 40 प्रतिशत आबादी को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही, भूजल के स्तर में भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से कृषि उत्पादन में वृद्धि होने से किसानों की आय बढ़ेगी और रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। साथ ही, ईआरसीपी के तहत आने वाले क्षेत्रों में औद्योगिक आवश्यकताओं के लिए भी पानी उपलब्ध हो सकेगा।


