
बीकानेर के इस साल में सिर्फ दो माह इस घास का इस्तेमाल कर किसान बचा सकते हैं अपनी फसल






आजकल युवा एकांत वातारण के लिए लाइब्रेरी में फीस देकर पढ़ रहे है, जिससे उन्हें पढ़ाई में ध्यान लगा रहे है और सफलता प्राप्त कर सकें. ऐसे में बीकानेर में एक आश्रम और गौशाला में बनी झोपड़ी में बैठकर भी युवा पढ़ रहे है. जहां न तो कोई फीस ली जाती है और वातावरण भी एकांत मिलता है. हम बात कर रहे है बीकानेर से 10 किलोमीटर नाल पुलिया के पास नारायण आश्रम में श्री ॐ नारायण गौशाला की. इस गोशाला की यह झोपड़ी भी पढ़ाई वाली झोपड़ी कहलाती है. जहां युवा अपनी पढ़ाई और साधना करते है. इस गौशाला में पढ़ने के लिए दूर दूर से युवा आते है. यहां बाहर से एग्जाम देने के लिए आने वाले बच्चों के पढ़ने के लिए रहना और खाना भी मिल जाता है.
नारायण आश्रम और गौशाला के संचालक गोविंद स्वरूप ने बताया कि यह गौशाला करीब तीन साल पहले शुरू हुई थी. यहां करीब 200 गोवंश है. यहां जनसहयोग से गायों के लिए खाना-पीना होता है. यहां गौशाला में समय समय पर पढ़ने वाले और साधना करने वाले बच्चे यहां आते है. वे झोपड़ी में बैठकर पढ़ाई भी करते है. इसके अलावा कई स्टूडेंट परीक्षा देने और परीक्षा से पहले पढ़ने के लिए आते है. इसके साथ ही साधक आकर पूजा पाठ और साधना भी करते है.
यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए एकदम निशुल्क है. उनसे किसी भी तरह की कोई फीस नहीं ली जाती है. यहां जो भी बच्चे बाहर से आते है उनके रहने की भी निशुल्क व्यवस्था है. यहां एकांत में अपनी तपस्या करने और पढ़ने के लिए शांत वातावरण के लिए यहां पर आते है. यहां गौशाला में बेसहारा गोवंश को यहां लाकर उनके खाने पीने का ध्यान रखा जाता है.


