
कला एक सर्जनात्मक अनुष्ठान है:भादाणी






बीकानेर। राजस्थान कला को सच्चे अर्थों में जीता है वही विभिन्न कलाओं के माध्यम से विश्व वैभव को अपनी परंपरा को समृद्ध करता है भारत की रचनात्मक विरासत को आगे ले जाने की पहल है इसी संस्कार को सकारात्मक सोच के साथ अपने रंगों व कूची के माध्यम से जीवन में डालने वाले युवा चित्रकार रामकुमार भादानी की अपनी एक अलग पहचान है बीकानेर की लोक कला के साथ-साथ आधुनिक कला से लोकतंत्र को मजबूत करते हैं इस अवसर पर पूरे विश्व जब कोरोनावायरस जैसी महामारी से जूझ रहा है तो भारत के राजस्थान में बीकानेर के युवा चित्रकार अपनी कुची के माध्यम से अपने भावों को कैनवास व पेपर पर व्यक्त कर रहे हैं ताकि जिसमें कोरोनावायरस से होने वाली बीमारियों से बच सकें ! साथ देश के सेवादार अपनी-अपनी जगह पर सेवा के लिए तैनात हैं और देश की सेवा कर रहे हैं वहीं जनता अपने घरों में बैठकर देश को सहयोग दे रही हैं इस अवसर पर बीकानेर गोल्डन आर्ट स्टूडियो में बैठे कर चित्रकार रामकुमार भादानी ने कोरोना जैसी भयावह बीमारी के बचाव को लेकर पेंटिंग की पहल की है 21 दिन लॉक डाउन, मास्क मस्ट , मैं भी चौकीदार, डॉक्टरों की सेवा, लालच, एक 1 मीटर की दूरी, भक्ति रस में मास्क का उपयोग जैसी अनेकों पेंटिंगे बनाई है जो कि सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है !भादानी द्वारा 25 पेंटिंग इस आधार पर तैयार की गई है कि इसमें से अगर एक भी रंग का पेच हटा दिया जाए तो सारी पेंटिंग भी बिखर सकती है पेंटिंग में संयोजन की कसावट के साथ दृष्टि भ्रम पैदा करते हुए इन चित्रों की विशेषता है आमजन के अवलोकन के लिए आगामी कुछ समय में पेंटिंग आमजन के लिए प्रदर्शित भी की जाएगी!

