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कलक्टर साहब इधर भी दो ध्यान….

बीकानेर। एक ओर पूरा देश कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम जूझ रहा है और देश व प्रदेश क ी सरकारें इसके बचाव के लिये आमजन को घरों में रहने की सलाह दे रही है। वहीं दूसरी ओर जैसे ही प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री लॉक डाउन को लेकर कोई एडवाईजरी जारी करते है। वैसे ही शहर में हडकंप की स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में जनता में भय के हालात पैदा हो जाते है और वे अपने जान की परवाह करें बिना ही सड़कों पर सामान की खरीद के लिये निकल पड़ते है। मंगलवार रात भी कुछ ऐसा ही हुआ। जब 8 बजे प्रधानमंत्री ने देश के नाम संबोधन के दौरान आगामी 21 दिनों तक लॉक डाउन की घोषणा की। वैसे ही शहर के अनेक क्षेत्रों में मेले सा माहौल हो गया। लोग बिना कि सी सूचना या एडवाईजरी के सामान की पूर्ति के लिये दुकानों पर उमड़ पड़े। हालात ये हो गये कि दुकानदारों ने भी लोगों के भय और आशांकित स्वभाव को पहचानते हुए महचाहे दाम वसूले।
कैसे रूकेंगी कालाबाजारी
कलक्टर कुमारपाल गौतम ने जिस समय बीकानेर के मुखिया का प्रभार संभाला। उसके बाद जिस तरह उन्होंने बाजार में कालाबाजारी करने वालों पर कार्यवाही की थी। उससे कालाबाजारी व भ्रष्टचारियों में एक भय का माहौल पैदा हो गया था। उनके इस कदम से एक बार आमजन को ऐसा लगा कि बीकानेर में एक ऐसा प्रशासक आया है जो कालाबाजारी करने वालों पर लगाम लगाएंगा। हुआ भी ऐसा। लेकिन समय के साथ हालात जस के तस होने लगे। आज इस संकट की स्थिति में उनके मैनेजमेंट को लेकर कोई सवाल नहीं उठ रहे,लेकिन लॉक डाउन में होने वाली नई घोषणा के साथ बाजार में निरन्तर बढ़ रही कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को लेकर अब आमजन में दशहत पैदा हो रही है। मंगलवार रात को जरूरत की वस्तुओं के दोगुने दाम वसूले गये। हमारे संवाददाता ने अलग अलग इलाकों में रात को भ्रमण कर प्रोविजन स्टोर,मेडिकल स्टोर सहित अनेक दुकानों का जायजा लिया। जहां पाया कि आटे के दस किलो पैकेट के 50 से 100 रूपये अधिक वसूले गये तो चीनी के भावों में अचानक 2 से 4 रूपये किलो की बढ़ोतरी पाई गई। यहां तक की माला के कीमत भी दस से बीस रूपये ज्यादा ली गई। मंजर ये रहा कि जिस दुकानदार को जैसी मुनाफाखोरी करनी थी उसने अपने हिसाब से वैसे की। कई मेडिकल की दुकानों पर मॉस्क व सैनेटराईजर नहीं होने की शिल्प तक चस्पा कर दी गई।
व्यापारिक संगठनों की अपील भी ना गंवारा
देखने वाली तो ये थी कि व्यापारियों के हिमायती व्यापारिक संगठनों ने अपने व्यापारियों से अपील की थी कि इस संकट की घड़ी में वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोत्तरी न करें और मुनाफाखोरी न करें। किन्तु उनकी अपील भी व्यापारियों ने नहीं मानी।
मुनाफाखोरी न कर भी कर सक ते है सहायता
कोरोना संकट से निपटने के लिये जहां अनेक अधिकारियों के संगठन,मंत्री,विधायक,समाजसेवी,व्यापारिक संगठन,शिक्षक,राज्य व केन्द्र सरकार के विभिन्न विभागों के कर्मचारी-अधिकारी,पार्षदगण अपने कम से कम एक दिन का वेतन देकर इस विपदा में अप्रत्यक्ष सहयोग कर रहे है। ऐसे में चंद मुनाफाखोरी की नीयत से लाभ कमाने वाले दुकानदार भी आमजन से वस्तु की लागत कीमत वसूल कर अपना सहयोग कर सकते है। उनके लाभांश को राष्ट्रहित के सहयोग में ही गिना जाएगा।
खुलासा की अपील
खुलासा टीम आपसे अपील करती है कि यदि कोई दुकानदार आपसे मुनाफाखोरी करता है तो वो उसका विडियो बनाकर हमें भेज सकता है। हम उनको बेनकाब करेंगे।

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