
जापान में 7.4 तीव्रता का भूकंप – वाजिमा शहर के समुद्र में 4 फीट ऊंची लहरें उठीं; तटीय इलाके खाली कराने के आदेश







जापान में सोमवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। जापानी मीडिया NHK के मुताबिक रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.4 दर्ज की गई। प्रशासन ने सुनामी का अलर्ट जारी किया है।
इस बीच सुनामी की पहली खबर वाजिमा शहर से आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यहां करीब 4 फीट ऊंची लहरें उठी हैं। जापान के वक्त के मुताबिक, यह ऊंची लहरें शाम 4.21 बजे दिखीं। अब तक किसी नुकसान की खबर नहीं है। कुछ जगहों पर एक मीटर से कम ऊंचाई की लहरें नजर आई हैं।
एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि 5 मीटर (16 फीट) ऊंची लहरें उठ सकती हैं। कोस्टल एरिया में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए कहा गया है। फिलहाल किसी के मारे जाने की खबर नहीं है। वहीं, रूस ने तटीय शहर व्लादिवोस्तोक और सखालिन आइलैंड में अलर्ट जारी किया है। यह आईलैंड जापान के उत्तरी इलाके में है।
भूकंप के बाद सुनामी का खतरा देखते हुए इंडियन एम्बेसी ने इमरजेंसी नंबर जारी किए हैं। ये इस तरह हैं : + 81-80-3930-1715+ 81-70-1492-0049+ 81-80-3214-4734+ 81-80-6229-5382+ 81-80-3214-4722।
मैप से समझिए भूकंप कहां आया

कैसे तय होता है कि ये सुनामी है या नहीं
जापान के ‘सुनामी वॉर्निंग सिस्टम’ के मुताबिक- अगर भूकंप के बाद सुनामी की एडवाइजरी या अलर्ट जारी होता है और इसके बाद समंदर में 1 मीटर ऊंची लहरें उठती हैं तो इसे सुनामी कैटेगरी में रखा जाता है। इनकी ऊंचाई बाद में 3 से 5 मीटर हो सकती है। अगर 5 मीटर तक लहरें उठती हैं तो इसे ‘मेजर सुनामी’ कैटेगरी में रखा जाता है।
8 मिनट बाद ही 6.2 तीव्रता का दूसरा भूकंप
जापान की मौसम विज्ञान एजेंसी के मुताबिक भूकंप इशिकावा प्रांत के अनामिजु शहर में आया। इसका केंद्र धरती से 10 किलोमीटर नीचे था। भारतीय समय के मुताबिक दोपहर 12:40 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। इसके 8 मिनट बाद ही 6.2 तीव्रता का पहला आफ्टर शॉक रिकॉर्ड किया गया। इसके बाद 5.2 तीव्रता का दूसरा आफ्टर शॉक रिकॉर्ड किया गया। 4 तीव्रता वाले 21 आफ्टर शॉक रिकॉर्ड किए गए हैं।








फुकुशिमा प्लांट पर पैनी नजर
जापानी मीडिया के मुताबिक फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट पर पैनी नजर रखी जा रही है। दरअसल, जापान में मार्च 2011 में 9 तीव्रता वाले भूकंप के कारण जबर्दस्त सुनामी आई थी। तब उठी सुनामी की लहरों ने फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट को तबाह कर दिया था।
इसे पर्यावरण को नुकसान के लिहाज से बड़ी घटना माना गया था। तब समुद्र में उठी 10 मीटर ऊंची लहरों ने कई शहरों में तबाही मचाई थी। इसमें करीब 16 हजार लोगों की मौत हुई थी।


