
चुनाव से जुड़े कर्मचारियों-अधिकारियों के तबादलों पर रोक, लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर निर्वाचन आयोग का फैसला







राजस्थान समेत दूसरे राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के बाद अब यहां लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई। इसे देखते हुए केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने इन सभी राज्यों में चुनाव से जुड़े कर्मचारियों-अधिकारियों के तबादलों पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य सरकारों को निर्देश दिए है कि बीएलओ, एईआरओ, डीईओ समेत तमाम अधिकारियों के तबादले अगर जरूरी हो तो उसके लिए राज्य निर्वाच आयुक्त से अनुमति लेनी होगी। राजस्थान में 20 दिसंबर से वोटर लिस्ट दोबारा रिवाइज्ड या कहे बनाने का काम शुरू हो गया है। इस काम में उन्हीं अधिकारियों-कर्मचारियों को शामिल किया है, जिन्होंने पिछले 6-7 माह के दौरान विधानसभा चुनावों में ये सब काम किया था। वोटर लिस्ट का काम बिना किसी बाधा के पूरा हो जाए, इसे देखते हुए निर्वाचन आयोग ने तमाम बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) से लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ) तक के ट्रांसफर पर रोक लगा दी।
इसके साथ ही केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को निर्देश दिए है कि किसी भी विधानसभा या जिले में निर्वाचन से संबंधित किसी अधिकारी या कर्मचारी की पोस्ट खाली है तो उसकी सूची तैयार करके उसे जल्द से जल्द दूसरे कर्मचारी या अधिकारी लगाने के निर्देश दिए है।
आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर आदेश दिए है कि अगर किसी भी जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), सहायक निर्वाचन अधिकारी या रिटर्निंग ऑफिसर जो आरएएस या आईएएस स्तर का है उसका ट्रांसफर करना है तो उसके लिए कारण बताना होगा। ये कारण राज्य के निर्वाचन आयुक्त के जरिए केन्द्रीय निर्वाचन आयोग को भेजना पड़ेगा। अगर इससे नीचे स्तर जैसे बीएलओ या अन्य कर्मचारियों का कोई ट्रांसफर करता है तो उसके लिए राज्य निर्वाचन आयुक्त से अनुमति लेनी होगी।


