राजस्थान के इतिहास में पहला लॉकडाउन : घबराहट में 300 लोग अस्पताल पहुंचे

राजस्थान के इतिहास में पहला लॉकडाउन : घबराहट में 300 लोग अस्पताल पहुंचे

जयपुर/भीलवाड़ा। कोरोनावायरस के चलते राजस्थान के इतिहास में पहली बार लॉकडाउन किया गया है। दवा, किराना, मीडिया और चिकित्सा जैसी जरूरी सेवाएं छोड़कर सबकुछ बंद रहेगा। ऐसा भी पहली बार हो रहा है, जब किसी महामारी की वजह से लॉकडाउन किया गया है। इसकी वजह यह है कि भीलवाड़ा से कोरोनाचेन बनी है।

300 लोग अस्पताल पहुंचे, अफसरों ने हाथ पर सील लगाई
बांगड़ हॉस्पिटल में भर्ती मरीज और वहां काम करने वाले करीब 300 पुरुष व महिलाएं अलग-अलग समय एमजी हॉस्पिटल पहुंचे और खुद को भर्ती करने की बात कही। एमजी हॉस्पिटल से उन्हें पर्ची बनाकर सीएमएचओ ऑफिस जाने के लिए कहा। जब वे वहां पहुंचे तो उनका नाम, पता और मोबाइल नंबर लिए और हाथ पर सील लगाकर घर जाने के लिए कहा।

सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल के छिड़काव की जरूरत
भीलवाड़ा में कोरोना की भयावह स्थिति यानी स्टेज-3 को देखते हुए डब्ल्यूएचओ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन काम करने वाले नेशनल सेंटर ऑफ डिसीज कंट्रोल की टीम सुबह भीलवाड़ा आई। डब्ल्यूएचओ की टीम यह आकलन करने में लगी है कि बीमारी कितनी फैल सकती है और कैसे कंट्रोल किया जा सकता है? डिसीज कंट्रोल टीम ने एमजी हॉस्पिटल में भर्ती पॉजिटिव, संदिग्ध मरीजों सहित आउटडोर में आने वाले मरीजों की बीमारी, इलाज, वर्किंग, एफर्ट का दोपहर तक एनालिसिस किया और दिल्ली के लिए रवाना हो गई। इन सभी बिंदुओं के आधार पर टीम एक रिपोर्ट तैयार कर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपेगी। एक्सपर्ट के अनुसार सोडियम हाइपोक्लोराइट घोल के 1त्न छिड़काव की जरूरत है। लेकिन अभी तक अफसरों का ध्यान इस ओर नहीं गया। दिल्ली सहित देश के कई हिस्सों में लगे टीमों के एक्सपर्ट से बातचीत की तो पता लगा कि चीन के कुछ शहरों में ऐसे ही हालात बनने पर छिड़काव करने से स्थिति नाजुक होने से बची थी।

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