
सड़कों को होगा कम नुकसान, बीकानेर में पहली बार इस तकनीक से होगा सीवरेज कार्य






सड़कों को होगा कम नुकसान, बीकानेर में पहली बार इस तकनीक से होगा सीवरेज कार्य
बीकानेर। नगर निगम क्षेत्र में पहली बार पाइप बर्स्टिंग तकनीक से सीवरेज कार्य होगा। इस कार्य से सड़कों को कम से कम नुकसान पहुंचेगा। चैंबर टू चैंबर पाइप बर्स्टिंग से पुरानी सीवर लाइनों को हटाया जाएगा व नई लाइनें डाली जाएगी। अमृत योजना 2.0 द्वितीय फेज के तहत शहर में विभिन्न स्थानों पर सीवरेज कार्य होंगे। संबंधित फर्म की ओर से कार्य के लिए सर्वे कार्य को प्रारंभ कर दिया गया है। पाइप बर्स्टिंग तकनीक से करीब 80 किलोमीटर पुरानी व क्षतिग्रस्त हो चुकी सीवरेज लाइनों को बदला जाएगा। प्रोजेक्ट के तहत निगम क्षेत्र के कई क्षेत्रों में नई सीवर लाइनें डालने और पुरानी सीवर लाइनों को बदलने सहित एसटीपी निर्माण, एसपीएस अपग्रेडेशन इत्यादि कार्य होंगे। निगम अभियंताओं के अनुसार पाइप बर्स्टिंग तकनीक से कोटगेट, जोशीवाड़ा, दाऊजी मंदिर रोड, तेलीवाड़ा, कोटगेट से बाहरी क्षेत्र सहित परकोटे के भीतरी क्षेत्रों व बाहरी क्षेत्रों में 80 किमी सीवरेज लाइने बदलने का कार्य होगा। पब्लिक पार्क पंपिंग स्टेशन परिसर में 6.41 करोड़ रुपए की लागत से 2 एमएलडी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होगा। सीवर लाइनों के माध्यम से आने वाले गंदे पानी का यहीं शोधन हो सकेगा। एसटीपी से शोधित पानी का उपयोग पब्लिक पार्क में स्थित सभी पार्कों के लिए हो सकेगा। इसी परिसर में 2 करोड़ की लागत से सीवरेज पंपिंग स्टेशन का अपग्रेडेशन भी होगा व क्षमता 20 एमएलडी से बढ़कर 30 एमएलडी होगी। अमृत योजना 2.0 द्वितीय फेज के तहत निगम क्षेत्र में 289 करोड़ के प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न कार्य होंगे। इनमें पब्लिक पार्क परिसर स्थित पंपिंग स्टेशन परिसर में 2 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण होगा। वहीं इसी परिसर में बने 20 एमएलडी के एसपीएस का अपग्रेडेशन कार्य होगा व क्षमता 30 एमएलडी होगी। करमीसर क्षेत्र में करीब 47 किमी लंबाई में नई सीवरेज लाइनें डाली जाएगी व एसपीएस का भी निर्माण होगा।नागणेचीजी मंदिर परिसर के पीछे 8 किमी सीवर लाइने डालने का कार्य होगा। प्रोजेक्ट के तहत 8 किमी ट्रैंस लेस तकनीक से सीवरेज लाइन और 2 किमी सीवर लाइनें सीआईपीपी तकनीक से भी डाली जाएगी। प्रोजेक्ट के तहत खर्च होने वाली राशि में केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और नगर निगम तीनों की संयुक्त हिस्सेदारी है।


