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हत्या के चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा, तेजाब डालकर की थी युवक की हत्या

खुलासा न्यूज नेटवर्क। सरदारशहर के बहुचर्चित धनंजय महर्षि हत्याकांड के मामले में एडीजे कोर्ट ने बुधवार को 4 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया है। एक आरोपी पूनम सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया है। वहीं, मामले में हसंराज उर्फ हर्ष को वादी माफी गवाह बनाया गया है। कोर्ट ने आजीवन कारावास के साथ चारों आरोपियों पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

एडीजे कोर्ट अपर लोक अभियोजक अनीष खान के अनुसार, 8 जनवरी 2017 को जिले के सरदारशहर थाने में प्रमोद महर्षि ने मामला दर्ज करवाया था। रिपोर्ट में बताया कि 7 जनवरी की शाम उसके चचेरे भाई धनंजय महर्षि (30) को गोविन्द सोनी उसके घर से बाइक पर बैठाकर ले गया था। उसने अपने साथियों के साथ बीकानेर रोड पर मदन होटल के पास धनंजय के साथ मारपीट की और तेजाब डालकर उसकी हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद सभी लोग मौके से भाग गए।

सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। जहां धनंजय की बाइक मिली। बाइक के नंबर के आधार पर पुलिस ने धनंजय के परिजनों को सूचना दी। तब प्रमोद ने आकर धनंजय के शव की शिनाख्त की। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया। मामले की जांच तत्कालीन सरदारशहर थानाधिकारी ओमप्रकाश गोदारा ने की। मामले की जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया। पुलिस ने मामले में गोविन्द सोनी, अजीत कुमार, शफीक खोखर, अजय धोलपुरिया, पूनम सिंह, हंसराज उर्फ हर्ष को गिरफ्तार किया। वहीं, चार नाबालिग को भी डिटेन किया।

मामले में बुधवार को एडीजे कोर्ट ने धनंजय की हत्या के आरोप में गोविन्द सोनी, अजीत कुमार, शफीक खोखर और अजय धोलपुरिया को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए एक लाख रुपए के जुर्माने से दंडित किया। वहीं, पूनम सिंह को संदेह के आधार पर बरी कर दिया। इसके अलावा हसंराज उर्फ हर्ष वादी माफी गवाह बन गया। गौरतलब है कि रुपए के लेनदेन के मामले को लेकर गोविन्द सोनी ने अपने साथियों के मिलकर धनंजय महर्षि की हत्या की थी। धनंजय अपने पिता के इकलौता बेटा था। परिवादी की ओर से पैरवी एडवोकेट नरेश कुमार भाटी ने की।

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