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नई सरकार के आते ही बदलेंगे राजस्थान का प्रशासनिक मुखिया

जयपुर। वर्तमान मुख्य सचिव उषा शर्मा को 30 जून को सेवानिवृत्त होना था। इससे पहले राज्य की कांग्रेस सरकार ने उनका कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे केन्द्र की भाजपा सरकार ने स्वीकार कर लिया था। अब उनके सेवानिवृत्त होने का समय 31 दिसम्बर है। चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता का हवाला देते हुए भाजपा ने उषा शर्मा को हटाने के लिए चुनाव आयोग को ज्ञापन दिया था। हालांकि उनके ज्ञापन में दिए तर्क को आयोग ने सही माना। इसीलिए मुख्य सचिव का कार्यकाल अनवरत जारी रखा गया। अब सरकार यथावत रहने पर वे इस माह के अंत तक इस पद पर रहेंगी। सरकार बदलने की स्थिति में उनके हटाए जाने की सम्भावना इनकार नहीं किया जा सकता।
नए मुख्य सचिव की दौड़ में वरिष्ठता में सबसे आगे वीनू गुप्ता हैं। हालांकि वर्तमान सरकार ने उनको रेरा चैयरमेन बनाने के आदेश जारी कर चुकी है। आचार संहिता लगने के कारण वे इस पद पर जॉइन नहीं कर पाई थीं। वैसे भी उनके सेवानिवृत्त होना का समय 31 दिसम्बर है। इनके बाद सबसे वरिष्ठ सुबोध अग्रवाल हैं। हालांकि उनके मामले में नकारात्मक तथ्य यह है कि जल जीवन मिशन मामले में ईडी की जो कार्रवाई चल रही है उसमें उनका भी नाम चल रहा है। उनके ठिकानों पर ईडी ने तलाशी भी ली थी। इसके बाद दूसरे स्थान पर वी. श्रीनिवास हैं। वे वर्ष 2018 से केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। वे भाजपा राज में प्रदेश में रहे, लेकिन अपेक्षाकृत उनकी प्रभावी पोस्टिंग नहीं थी। इससे पहले भी वे कई बार केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं।
तीसरे नम्बर पर शुभ्रा सिंह हैं। वरिष्ठ 12 आईएएस में वे अकेली महिला अधिकारी हैं। केन्द्र में प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद मुख्य सचिव को लेकर उनके नाम की चर्चा पहले भी थी, हालांकि उस समय उषा शर्मा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया। अन्य अधिकारियों में किसका नम्बर आ सकता है, इसकी संभावना चुनाव के परिणाम पर ही लगाया जा सकता है।
केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर ये अधिकारी
केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर जो अधिकारी हैं, उनमें सबसे आगे रोहित कुमार सिंह हैं। कांग्रेस राज में उनका गृह विभाग से तबादला चर्चा में रहा था। इसके बाद ही उन्होंने प्रतिनियुक्ति का निर्णय लिया था। वहीं, सुधांश पंत वर्तमान सरकार में अहम पदों पर रहते हुए प्रतिनियुक्ति पर गए थे।
राजस्थान में पदस्थापित अधिकारियों में अभय कुमार की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। वे दोनों ही सरकारों में अहम पदों पर रहे हैं। अभय कुमार स्वच्छ छवि और विभाग पर पकड़ के लिए जाने जाते हैं। वरिष्ठता में अभय कुमार के बाद रजत कुमार मिश्रा व तन्मय कुमार हैं जो दोनों ही केन्द्र में हैं। तन्मय कुमार भाजपा सरकार में अहम भूमिका में थे। कांग्रेस राज में वे वर्ष 2020 से ही प्रतिनियुक्ति पर हैं।

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